प्रिंसिपल पर अचानक क्यों भड़का नवोदय विद्यालय छात्रों का गुस्सा, जमकर चलाए पत्थर; लगाई आग
गोरखपुर
गोरखपुर के पीपीगंज स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं में खामियों को लेकर शुक्रवार की रात छात्रों ने जमकर बवाल काटा। विद्यालय की छत से पथराव और आगजनी की। पथराव में दो शिक्षकों को चोटें आई हैं। मौके पर पहुंचे थानेदार और तहसीलदार ने छात्रों को मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। वे प्रिंसिपल सुरेश चंद्र को हटाने और डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े थे। वहीं स्कूल प्रशासन ने अव्यवस्थाओं के आरोपों को खारिज किया है।
शुक्रवार की शाम नवोदय के छात्रों ने नाश्ता किया। भोजन के समय किसी बात को लेकर वे नाराज हो गए और नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। शिक्षकों ने समझाने का प्रयास किया तो उनसे भी उलझ गए। स्कूल की छत पर चढ़कर पथराव शुरू कर दिया। छत पर पुराने कपड़े और टायर जलाकर आगजनी भी करने लगे। हंगामे की सूचना पर पीपीगंज सहित आसपास के थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिसवालों के करीब आने पर भी छात्रों ने पथराव जारी रखा। तहसीलदार केशव प्रसाद के पहुंचने पर थानेदार ने फिर छात्रों से बात करने का प्रयास किया लेकिन वे डीएम को बुलाने पर अड़े रहे।
अव्यवस्था का आरोप लगा प्रधानाचार्य के खिलाफ उग्र हुए छात्र
प्रिंसिपल सुरेश चंद का कहना है कि शाम तक सब कुछ ठीक था अचानक न जाने ऐसा क्या हुआ कि छात्र उग्र हो गए। उधर, छात्रों ने कोई कारण तो नहीं बताया बस व्यवस्था ठीक न होने का आरोप लगाते हुए प्रिंसिपल को हटाने की मांग शुरू कर दी। छात्रों का कहना है प्रिंसिपल का ट्रांसफर हो गया है उसके बाद भी वह नहीं जा रहे हैं। जब तक प्रिंसिपल हटाए नहीं जाएंगे तब तक वे नहीं मानेंगे।
नौवीं से लेकर बारहवीं तक के छात्रावास के लगभग दो सौ छात्रों ने शुक्रवार की रात करीब आठ बजे स्कूल की व्यवस्था को लेकर हास्टल बन्द करने के साथ ही हंगामा शुरू किया। तहसीलदार केशव प्रसाद व थानाध्यक्ष पीपीगंज आशीष कुमार सिंह छात्रावास में गए लेकिन छात्रों ने बात करने से इंकार कर दिया। हालांकि इस बीच यह आवाज उठती रही कि प्राचार्य को हटाया जाए और विद्यालय में व्यवस्था ठीक किया जाए। उधर, छात्रों द्वारा ईट पत्थर चलाये जाने पर हिन्दी के शिक्षक एमके सिंह और एक अन्य शिक्षक रवि प्रताप सिंह को हल्की चोट आई है।
छात्रों ने नहीं खाया खाना
बवाल के बाद 200 छात्रों ने खाने का बहिष्कार कर दिया। छात्रों के भोजन न करने से खाना खराब हो गया। छात्रों का कहना है कि जब तक जिलाधिकारी से बात नहीं हो जाएगी तब तक वे भोजन नहीं करेंगे।
अनुशासन नहीं पंसद है
घटना को लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सुरेश चंद्र ने बताया कि वे छात्रों पर सख्ती नहीं करते बल्कि अनुशासन में रखते हैं। जिन छात्रों को अनुशासन पसंद नहीं है वह उग्र होकर बवाल कर रहे हैं। खाने से लेकर सभी तरह की व्यवस्था अच्छी है किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
पहले भी हो चुका खानपान को लेकर विवाद
नवोदय विद्यालय के छात्रों का मेस में खाने को लेकर ये विवाद नया नही है। बीते चार सालों में तीन बार विवाद की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मेस में खाने को लेकर नवोदय विद्यालय में आए दिन विवाद होता है। यहां पर छात्र इसी समस्या को लेकर नाराजगी जाहिर करते हैं और हंगामा भी करते हैं। लेकिन खाने की गुणवत्ता सुधारने के बजाय प्रबंधन विद्यालय की ओर से नाम काटने की धमकी देकर उन्हें शांत करा दिया जाता है। पिछली बार खराब खाना को लेकर छात्रों ने हंगामा करने के साथ ही पत्थरबाजी भी की थी। कई बार हंगामे और विवाद के बाद भी खानपान की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
भूख हड़ताल भी कर चुके
नवोदय विद्यालय के करीब छात्र खान-पान के साथ ही बीते दो साल पहले पठन-पाठन की दुर्व्यवस्था को लेकर भी विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। इस कदर नाराजगी थी कि वे भूख-हड़ताल पर बैठ गए थे। उनका आरोप था कि खानापान के साथ ही पठन-पाठन की बदतर होती जा रही है।
क्या बोले तहसीलदार
कैम्पियरगंज के तहसीलदार केशव प्रसाद ने कहा कि छात्रों से मिलकर वार्ता करने करने की कोशिश की गई लेकिन वे डीएम से मिलकर अपनी बात रखने की मांग पर अड़े हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक प्रिंसिपल को हटाया नहीं जाएगा, हम नहीं मानेंगे। कानून-व्यवस्था बिगड़ने न पाए, इसके लिए फोर्स मौके पर तैनात है।