September 23, 2024

रानी सती मंदिर को पुरात्व स्थल घोषित करने याचिका स्वीकृत, 19 सितंबर को होगी सुनवाई

0

बैकुंठपुर

चिरमिरी स्थित सती मंदिर को पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार पुरातत्विक स्थल घोषित कर उसे संरक्षित करने की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की रिट याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और अब इस पर 19 सितंबर को डबल बैंच में सुनवाई होगी।  

याचिकाकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की ओर से कहा गया है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के मुख्य रासायनिक डॉ. के. पी. सिंह ने 19 दिसंबर 2013 को चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था कि चिरमिरी में एक शिलालेख सन् 1351 का है। इस प्रतिवेदन में स्थल से संबंधित कुछ सुझाव भी उन्होंने दिए। इस प्रतिवेदन के आधार पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने सन् 2015 में एक पत्रिका का प्रकाशन किया था। इसमें अर्जुनदेव ने भी सन् 1450 के शिलालेख का उल्लेख करते हुए अनेक प्राचीन मंदिरों के भग्नावेश, किले एवं बहुसंख्यक सती मंदिर को संरक्षित करने का प्रस्ताव किया गया। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा-2 के अनुसार 100 वर्ष से पुराने प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व अवशेष को संरक्षित करने का प्रावधान है।

राज्य व केंद्र सरकार ने इस पुरातत्व महत्व के प्राचीन मंदिर को संरक्षित नहीं किया है, जिसके चलते इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व के शिलालेख, पत्थर, मूर्ति आदि उपेक्षित पड़े हैं। याचिकाकर्ता मिश्रा ने सूचना के अधिकार से जानकारी एकत्र कर सन् 2019 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर सती मंदिर को संरक्षित करने का अनुरोध किया था। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा। राज्य सरकार ने जवाब प्रस्तुत किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता की इस याचिका के तत्काल बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका वर्ष 2022 में प्रस्तुत की गई। जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अगुवाई वाली डबल बेंच ने आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की रिट याचिका को भी इसी जनहित याचिका में जोड़ देने का आदेश दिया। अब इन याचिकाओं की सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *