September 30, 2024

ओडिशा के 10 जिले संवेदनशील बाढ़ जैसे हालात

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 मुंडुली
महानदी के ऊपरी और निचले जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण ओडिशा के 10 जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा बैठक करते हुए 10 जिलों के कलेक्टरों को सतर्क रहने और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा है।

पटनायक ने संबंधित अधिकारियों से संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और उन्हें पर्याप्त राहत मुहैया कराने को भी कहा है। उन्होंने संबंधित विभागों को स्थिति से निपटने के लिए प्रभावित जिलों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।

सभी आपदाओं के लिए राज्य सरकार की नीति 'हर जीवन अनमोल है'। इसलिए, पटनायक ने अधिकारियों को बिना किसी कारण सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया है और यह सुनिश्चित किया कि आपदा के कारण लोगों को कोई बड़ी समस्या का सामना ना करना पड़े।

मुख्य सचिव और विशेष राहत आयुक्त को नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। पटनायक ने मत्स्य पालन और पशु संसाधन विभाग को पशुओं की रक्षा करने का भी निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और संवेदनशील क्षेत्रों में अग्निशमन इकाइयों की तैनाती पर भी जोर दिया।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को निर्बाध बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

विशेष राहत आयुक्त पी.के. जेना ने कहा कि सात जिलों में ओडीआरएएफ की नौ टीमों को तैयार रखा गया है, जबकि एनडीआरएफ की नौ टीमों को छह जिलों में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए दमकल विभाग की 44 टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।

हीराकुंड बांध के 64 स्लुइस गेटों में से 31 को जलाशय से बाढ़ के पानी के निर्वहन के लिए खोल दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम को मुंडुली में 11.75 लाख क्यूसेक पानी बहने की संभावना है।

जेना ने कहा कि जिला कलेक्टरों को जरूरत पड़ने पर संवेदनशील क्षेत्रों में स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि अगले 48 से 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कटक के पास मुंडाली बैराज में महानदी नदी पर लगभग 12 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी छोड़ा जाएगा।

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