यूपी के मदरसों और अल्पसंख्यक कॉलेजों में एक हजार करोड़ का है छात्रवृत्ति घोटाला, रैंडम जांच में खुलासा
मेरठ
मदरसों और अल्पसंख्यक कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाले की थर्ड पार्टी से रैंडम जांच में बड़े गड़बड़झाले का खुलासा हुआ है। विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में यह घोटाला एक हजार करोड़ का है। अब केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के बाद सीबीआई किसी भी वक्त इन मामलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार रैंडम थर्ड पार्टी जांच में मेरठ और मुरादाबाद मंडल समेत प्रदेश के करीब डेढ़ सौ मदरसों और अल्पसंख्यक स्कूलों में फर्जीवाड़ा मिला है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मदरसों और अल्पसंख्यक स्कूलों की छात्रवृत्ति में करीब एक दशक से गड़बड़ी हो रही थी, लेकिन जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी। वर्ष 2017 के बाद जब जांच तेज हुई तो मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर मंडल के मदरसों में बच्चे कम मिले या अपात्र थे। उसके बाद 2022-2023 में जब सरकार ने मदरसों और अल्पसंख्यक स्कूलों के कक्षा-1 से 8 तक की छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला किया तो सभी ने चप्पी साध ली।
इसके बाद केन्द्र सरकार ने थर्ड पार्टी जांच के लिए नेशनल काउन्सिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) को जिम्मेदारी दी। इस एजेंसी ने उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में रैंडम तरीके से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सूची के आधार पर ही जांच की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।
कक्षा एक से आठवीं तक का है मामला
वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से उत्तर प्रदेश में 80 प्रतिशत छात्रवृत्ति कक्षा-1 से 8 के छात्रों के लिए मदरसों और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बच्चों के नाम जारी हुए। 2017-2018 से लेकर 2021-2022 तक पांच साल में प्रति वर्ष 250 से 300 करोड़ रुपये जारी हुए। आशंका है कि यूपी के मदरसों में करीब एक हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ है।
मेरठ, मुरादाबाद मंडल निशाने पर
जांच के दायरे में मेरठ और मुरादाबाद मंडल के काफी मदरसे और अल्पसंख्यक स्कूल शामिल रहे। मुरादाबाद मंडल में अमरोहा, संभल, बिजनौर और मुरादाबाद जिले के मदरसों, अल्पसंख्यक स्कूलों की रैंडम जांच हुई है। मेरठ में भी कई मदरसों का सत्यापन हुआ, जहां फर्जीवाड़ा मिला है।
जांच में 830 निकले फर्जी
जांच में कुल 1572 मदरसों और अल्पसंख्यक स्कूलों को रैंडम जांच में शामिल किया गया, इनमें 830 फर्जी निकले। फर्जी संस्थाओं में करीब डेढ़ सौ मदरसे और अल्पसंख्यक स्कूल हैं।