संरक्षणवाद की नयी लहर वैश्विक विकास को कमजोर कर रही : सिरिल रामफोसा
जोहानिसबर्ग
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि संरक्षणवाद की नयी लहर और विश्व कारोबार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के विपरीत अनुचित एकतरफा उपायों का प्रभाव वैश्विक आर्थिक वृद्धि और विकास को कमजोर करता है।
रामफोसा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ के साथ मंच साझा किया। वेंताओ ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तरफ से देश का रुख रखा। 'ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग' के लिए नेताओं की मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऑनलाइन अपना संबोधन दिया।
रामफोसा ने कहा, ''पिछले एक दशक में ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में जो बदलाव हुए हैं, उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था के आकार को बदलने के लिए बहुत कुछ किया है। हालांकि, संरक्षणवाद की नयी लहर और डब्ल्यूटीओ नियमों के विपरीत अनुचित एकतरफा उपायों के बाद के प्रभाव ने वैश्विक आर्थिक विकास और विकास को कमजोर किया है।''
राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रिक्स को अपनी स्थिति की पुष्टि करने की आवश्यकता है कि आर्थिक विकास को पारदर्शिता और समावेशिता से रेखांकित किया जाना चाहिए।
रामफोसा ने नये विकास का हवाला देते हुए कहा, ''यह एक बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के अनुरूप होना चाहिए, जो विकासात्मक एजेंडे का समर्थन करता हो। हमें वैश्विक वित्तीय संस्थानों में मौलिक सुधार की आवश्यकता है, ताकि वे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति अधिक चुस्त और उत्तरदायी हो सकें।''
उन्होंने कहा कि 2015 में ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित बैंक (एनडीबी) इस संबंध में अग्रणी है।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा, ''अपने गठन के बाद से (एनडीबी) ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बिना किसी शर्त के बुनियादी ढांचे और सतत विकास के लिए संसाधन जुटाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है।''
रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक विकास के शक्तिशाली इंजन के रूप में उभरी हैं।
उन्होंने शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले उद्योग जगत के सैकड़ों प्रमुखों की सभा में कहा, ''फिर भी तेजी से हो रहे आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक परिवर्तन कई ब्रिक्स देशों में रोजगार, समानता और गरीबी के लिए नये जोखिम पैदा करते हैं। इसलिए हम व्यापारिक समुदाय से इन्हें और हमारी संबंधित अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली अन्य चुनौतियों के समाधान की पहचान करने के लिए हमारे साथ हाथ मिलाने का आह्वान करते हैं।''
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने अफ्रीका की विकास गाथा में योगदान देने के लिए ब्रिक्स देशों के सामने मौजूद अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
रामफोसा ने कहा, ''बुनियादी ढांचे, कृषि, विनिर्माण, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में अधिक सहयोग के माध्यम से इसे हासिल किया जा सकता है।''
वहीं, दा सिल्वा ने ब्राजील में बुनियादी ढांचे के विकास के अवसरों में भारी वृद्धि का वादा किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह ब्रिक्स देशों के निवेशकों के लिए दिलचस्प होगा।
पुतिन ने बाजारों के दोहन में कुछ देशों की भूमिका की निंदा की, लेकिन विशेष रूप से किसी का नाम नहीं लिया।
मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता के बावजूद भारत जल्द ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
मोदी ने कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया का विकास इंजन बनेगा।''
उन्होंने कहा, ''इसका कारण यह है कि भारत ने संकट को वृद्धि और विकास के अवसरों में बदल दिया है।''
वेन्ताओ ने कहा कि दुनिया आज साझा भविष्य वाला समुदाय बन गई है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बुधवार को भी जारी रहेगा और बृहस्पतिवार को अफ्रीका पर फोकस के साथ समाप्त होगा।