November 28, 2024

Chandrayaan-3: चंद्रमा पर क्या कर रहा है रोवर प्रज्ञान, जानें चंद्रयान के 14 दिनों का पूरा प्लान

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नई दिल्ली

चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है। विक्रम ने सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करके अपना काम पूरा कर लिया है। वहीं रोवर प्रज्ञान भी लैंडर से बाहर आ गया है। इसरो के मुताबिक, विक्रम और प्रज्ञान में पांच वैज्ञानिक पेलोड लगे हैं। अब यहां से प्रज्ञान का काम शुरू होता है। उसने चांद की पहली तस्वीर ली और अपने मिशन में जुट गया है। अब अगले 14 दिनों तक तक चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर पांचों पेलोड अंतरिक्ष एजेंसी को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध कराएंगे।

विक्रम लैंडर में जो तीन पेलोड लगें हैं उनमें, रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा), चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट) और इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (आईएलएसए) शामिल है। तीनों को अलग-अलग बांटे गए हैं।

रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा) – यह लैंगमुइर प्रोब पेलोड है, जो सतह पर मौजूद प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रॉन) के घनेपन और उसमें बदलाव का पता लगाएगा। सूर्य की किरणों के कारण चांद की मिट्टी जल गई है, इसलिए प्लाज्मा का अध्ययन होगा

चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट) – यह चांद की सतह पर तापमान को मापने का कार्य करेगा।

इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (आईएलएसए) – यह लैंडिंग साइट के आसपास भूंकप की गतिविधि को मापने और चांद की खनिज संरचना को समझने के लिए सतह का चित्रण करेगा।

रोवर में भी दो पेलोड लगे हैं। उनमें अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (एलआईबीएस) शामिल है।

अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस)- यह चांद की सतह के पास मिट्टी और चट्टानों की संरचना (मैग्ननीशियम, एलिमुनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, आयरन) के बारे में जानकारी जुटाएगा।

लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (एलआईबीएस)- यह चांद पर मौजूद तत्वों का विश्लेषण करेगा। साथ ही रासायनिक और खनिज संरचना को प्राप्त करने के अलावा उनकी पहचान करेगा।

26 किलोग्राम का है रोवर
इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है। यह एक रोबोट वाहन है जो छह पहियों पर चंद्र सतह पर खोज करेगा। यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चंद्र सतह पर यात्रा करेगा। इसके पहियों में अशोक स्तंभ की छाप है। जैसे-जैसे रोवर चांद की सतह पर चलेगा, वैसे-वैसे अशोक स्तंभ की छाप छपती चली जाएगी।

 

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