September 27, 2024

रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया? भाई की कलाई पर इस समय नहीं बांधे राखी, जानें मुर्हूत

0

भोपाल

रक्षाबंधन के पर्व को सनातन धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है. रक्षाबंधन के दिन को बहने बेसब्री से इंतजार करती हैं. इस दिन वह अपनी भाई की कलाई में राखी बांधी है और उसके बदले में भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन के पर्व पर पंचक और भद्रा काल का निर्माण भी हो रहा है. यही वजह है कि इस साल का रक्षाबंधन दो दिनों तक मनाया जाएगा.आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि भद्रा काल में क्यों राखी नहीं बांधनी चाहिए.

धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री का नाम था और भद्रा राजा शनि की बहन भी थी. जिस तरह शनिदेव को कठोर माना जाता है ठीक उसी तरह भद्रा भी अपने भाई शनि की तरह कठोर मानी जाती है. भद्रा के स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें काल गणना के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था.  इतना ही नहीं भद्रा की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.

भद्रा काल में नहीं बांधी जाती राखी
 एक बार ब्रह्मा जी ने भद्रा को श्राप दिया था कि जो भी भद्रा काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी. यही वजह है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. यही कारण है कि भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं बांधा जाता है.

जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
सावन की पूर्णिमा के दिन यानी 30 अगस्त को पूरा दिन भद्रा का साया रहेगा. ऐसी स्थिति में आप 30 अगस्त को रात 9:00 बजे के बाद से 31 अगस्त सुबह 7:00 बजे तक राखी बांध सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *