September 23, 2024

ट्रेन की पटरियों के दोनों तरफ 300 किलोमीटर की बाउंड्री वाल बनाने की तैयारी शुरू

0

इटावा

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे दिल्ली हावडा रेल मार्ग पर यह दो तरफा दीवार रेलवे लाइन के किनारे बनती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल मोटर बाइक सवारो और मवेशियो की रेलवे लाइन पर इंट्री से होने वाले हादसो को रोकने के लिए दो तरफा दीवार बनाने का काम शुरू कर दिया गया है ।

रेल मार्ग पर आए दिन जानवरों और बाइक सवारों के हादसों से ट्रेनों के परिचालन प्रभावित होने को लेकर कानपुर से टूंडला रेलवे स्टेशन के मध्य 200 करोड़ रुपये से ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू कराने का आदेश रेलवे प्रशासन ने दिया है।

इससे ट्रेनों का परिचालन काफी सुरक्षित होगा । वर्तमान दौर में 100 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यात्री ट्रेनें दौड़ रहीं हैं। निकट भविष्य में तेजस, हमसफर, शताब्दी, राजधानी सहित अन्य कई महत्वपूर्ण ट्रेनों की स्पीड 150 किमी प्रति घंटा किए जाने को लेकर ट्रैक पर ट्रायल जारी है । इसमें बड़ी दिक्कत ट्रैक का खुला होना माना जा रहा है।

ओपन ट्रैक होने से रनओवर काफी हो रहे हैं। रेलवे की भाषा में रनओवर का मतलब है दौड़ रही ट्रेन के समक्ष अचानक इंसान या जानवर का आना और उसका कट जाना। इससे ट्रेन को इमरजेंसी ब्रैक लगाकर रोकना भी पड़ता है जिससे भयावह हादसा होने का खतरा रहता है। इसी के तहत ट्रैक पर दीवार का निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है।

दोनों ओर होगी आरसीसी दीवार रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 1.80 मीटर ऊंचाई की आरसीसी दीवार बनेगी। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सवा फीट वर्गाकार पिलर बनाए जाएंगे। पिलर में छह इंच मोटी आरसीसी प्लेट बनाकर लगाई जाएगी।

इटावा मंडल कार्यालय जसवंतनगर से अंबियापुर रेलवे स्टेशनों के मध्य 104 किमी की दूरी में आरसीसी दीवार बनायी जा रही है। प्लेट निर्माण रेलवे मैदान में जल्द शुरू होगा। रेलवे भूमि होगी सुरक्षित दीवार निर्माण से रेलवे भूमि सुरक्षित होगी। भूमि की नाप कराकर दीवार निर्माण कराया जाएगा। इससे अनाधिकृत रास्ते बंद हो जाएंगे जिससे ट्रेनों का परिचालन सुरक्षित हो जाएगा। चेनपुलिग करके ट्रैक पार करना आसान नहीं होगा।

हावड़ा दिल्ली रेल मार्ग ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के साथ आए दिन होने वाली कैटल रन ओवर की घटनाओं को रोकने के लिए बाउंड्री वाल बनाकर ट्रैक को सुरक्षित किया जाएगा । बाउंड्री वाल के लिए जो पैनल व पिलर तैयार होंगे उसके लिए माल गोदाम परिसर में प्लांट लगाया जा रहा है। प्लांट के लगते ही बाउंड्री वाल के पैनल व पिलर यहीं पर तैयार होंगे।

लंबे समय से रेलवे ट्रेनों की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे से बढाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने की तैयारी काफी पहले से की जा रही है। ट्रेनों की रफ्तार बढ़नें से पहले रेलवे ट्रैक की सुरक्षा काफी जरूरी है क्योंकि आए दिन ट्रेक पर मवेशियों के आने से कैटल रन ओवर की घटनाएं होती हैं जिससे ट्रेनों का संचालन बिगड़ जाता है।

कानपुर से लेकर टूंडला तक लगभग 300 किलोमीटर की बाउंड्री वाल बनाने का जिम्मा

कानपुर से लेकर टूंडला तक लगभग 300 किलोमीटर की बाउंड्री वाल बनाने का जिम्मा आसाम की एक कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी ने कानपुर में एक प्लांट लगाया है और दूसरा प्लांट इटावा जंक्शन के माल गोदाम परिसर में लगाया जा रहा है। यहां पर बाउंड्री वाल के लिए आरसीसी के पैनल व स्लीपर तैयार किए जाएंगे। प्लांट के लिए काम शुरू हो चुका है । माना जा रहा है जल्द ही इस प्लांट में पैनल व स्लीपर बनना शुरू होंगे और इसके बाद आरसीसी बाउंड्री वाल का काम भी शुरू हो जाएगा। रेलवे लाइन के किनारे रहने वाले इस दो तरफा दीवार बनाने जाने को लेकर बेहद खुश नजर आ रहे है। उनका मानना है कि यह दो तरफा दीवार ना केवल हादसो को रोकेगी बल्कि रेल मंत्रालय को खासा फायदा भी पहुंचायेगी।

Prevention of Railway Accident
अमूमन ऐसा जाता है कि रेल लाइन के किनारे घूमने फिरने वाले मवेशी रेल लाइन पर आकर यात्री गाडियो से कट जाते है फिर लंबे समय तक रेल गाडियॉ रेल पटरी पर ही खडी रहती है । कभी कभी तो ऐसा भी होता है कि तकनीकी खामी रेल परिचालन को विलंबित कर देता है । इटावा के जयेश कुमार बताते है कि रेल मंत्रालय ने रेल पटरी के किनारे दो तरफा दीवार बनाने का जो निर्णय लिया है वो वाकई मे काबिले तारीफ है इस दीवार बन जाने का हर हाल मे फायदा ही फायदा होगा ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *