September 25, 2024

बेटी जैसी है वैसे स्वीकार करो, अपनी काउंसलिंग कराओ; लेस्बियन महिला के मां-बाप को हाईकोर्ट का निर्देश

0

 नई दिल्ली

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक 22 वर्षीय लेस्बियन (समलैंगिक) लड़की के माता-पिता को निर्देश दिया है कि वे अपनी बेटी को "उसकी इच्छा के अनुसार" स्वीकार करें। मां-बाप के अलावा कोर्ट ने लड़की के मामा को भी यही निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि लेस्बियन बेटी को स्वीकार करने के वास्ते खुद को तैयार करने के लिए उन्हें अपनी काउंसलिंग करानी चाहिए।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ महिला की एक दोस्त द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उसने ने दावा किया था कि उसकी दोस्त "लापता" थी। संबंधित पक्षों से बातचीत करने के बाद, अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह महिला को आश्रय गृह ले जाए ताकि वह अपने भविष्य के बारे में विचार और आत्मनिरीक्षण कर सके। इसके साथ ही अदालत ने पुलिस से कहा कि वह महिला के रहने के लिए सभी जरूरी आवश्यक व्यवस्था करे।

 रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अदालत को बताया कि वह अपने माता-पिता या किसी भी रिश्तेदार के साथ जाने को तैयार नहीं है। उसने कहा कि वह या तो याचिकाकर्ता के साथ जाएगी या आश्रय गृह जाएगी। इसके बाद अदालत ने आश्रय गृह को निर्देश दिया कि वह महिला को अपने यहां रखे और भोजन, आश्रय आदि सहित आवश्यक सुविधाएं प्रदान करे। इसमें कहा गया, “निदेशक को निर्देश दिया जाता है कि वह महिला को काउंसलिंग सेशन भी प्रदान करे।”

पीठ ने आदेश में कहा, "आगे निर्देश दिया जाता है कि महिला के माता-पिता को भी कम से कम एक वैकल्पिक दिन पर काउंसलिंग दी जाएगी ताकि वे उसे उसकी इच्छा के अनुसार अपनी बेटी को स्वीकार करने के लिए तैयार कर सकें। माता-पिता और मामा को काउंसलिंग के लिए 23.08.2023 को सुबह 11:00 बजे उपरोक्त आश्रय गृह में संपर्क करने का निर्देश दिया जाता है। उन्हें निदेशक द्वारा काउंसलिंग दी जाएगी और यदि वे आगे भी काउंसलिंग चाहते हैं, तो उन्हें वैकल्पिक दिनों में तदनुसार काउंसलिंग दी जाएगी।" अदालत ने कहा, "माता-पिता और अन्य सभी संबंधित लोगों को निर्देश दिया जाता है कि वे महिला और याचिकाकर्ता पर किसी भी तरह की धमकी या अनुचित दबाव न डालें।"

बता दें कि इससे पहले इसी तरह के एक अन्य मामले में केरल उच्च न्यायालय ने जून 2022 में एक लेस्बिन कपल को एक साथ रहने की अनुमति दी थी। याचिका अधिला नसरीन द्वारा दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसके साथी और उसके माता-पिता द्वारा उसके साथ मारपीट की गई और उसे हिरासत में लिया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed