September 24, 2024

ऑनलाइन सट्टेबाजी एप में सरकार को बदनाम करने की कोशिश : भूपेश

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रायपुर

छत्तीसगढ़ में लगातार ईडी की छापेमार कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि ईडी,सीबीआई और आईटी लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई है। इसका इसका दुरुपयोग भारतीय जनता पार्टी और केंद्र में बैठी सरकार कर रही है। माथुर के बयान से लगता हैं भाजपा ईडी के बलबूते चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस लाइन हेलीपेड में पत्रकारों से चर्चा करते उक्त बातें कही।

उन्होने कहा कि कल सरगुजा में भाजपा के प्रभारी ओम माथुर ने ईडी की कार्यवाही पर कहा अभी चुनाव आते तक देखिये क्या-क्या होता है। भाजपा प्रभारी का यह बयान यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि भाजपा ईडी के बलबूते चुनाव लड़ेगी? ईडी की कार्यवाही चुनाव को देखकर हो रही है। एक विभाग में गड़बड़ी नहीं पकड़ पाते दूसरे में लग जाते है। कोल, आबकारी, माईनिंग डी.एम.एफ. चावल अब सुना है जल जीवन मिशन बिना किसी ठोस आधार के राज्य सरकार के सभी विभागों पर कार्यवाही यह साबित करने के लिये छत्तीसगढ़ में हर जगह गड़बड़ी हैं यह चुनावी हथियार है इसको हम जनता के बीच लेकर जायेंगे।

छत्तीसगढ़ में पिछले एक वर्ष में ई.डी. और आई.टी. अधिकारियों ने 200 से भी अधिक व्यक्तियों/संस्थाओं तथा शासकीय कार्यालयों में छापेमारी की गयी है। ई.डी. के अधिकारियों द्वारा दमन और प्रताडऩा को हथियार बनाकर बिना चल-अचल संपत्ति की रिकवरी के झूठे ब्यानों के आधार पर सैकड़ों करोड़ के कथित कोयला घोटाला, शराब घोटाला, चावल घोटाला तथा अब महादेव ऐप्स घोटाला होने का दुष्प्रचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मनी लांड्रिंग के कानून में इस तरह से बदलाव किये हैं जिससे ई.डी. अधिकारियों को असीमित अधिकार मिल गये हैं। ई.डी. जिसको चाहे सिर्फ आरोपों के आधार पर गिरफ्तार कर सकते हैं तथा उस पर भी विडंबना यह है कि मनी लांड्रिंग के कानून अंतर्गत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत मिलने के प्रावधान भी एक तरह से समाप्त कर दिये गये हैं। ई.डी. अधिकारी बिना किसी कारण बताये कोई भी संपत्ति अटैच कर सकते हैं तथा उसके बाद वर्षों तक उसके छूटने की कोई संभावना भी नहीं रहती।

ई.डी. अधिकारियों के लिये यह भी बायें हाथ का खेल है कि किसी भी गवाह से उसे जेल भेजने की धमकी देकर मनचाहा ब्यान लिखवा लिया जाता है। ई.डी. अधिकारियों के समक्ष हुए ब्यान को सी.आर.पी.सी. की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने हुये ब्यानों जितनी ही अहमियत है। गवाह को यह कह कर धमकाया जाता है कि वह या तो ई.डी. अधिकारियों द्वारा तैयार किये गये ब्यान अथवा झूठी कहानी की पुष्टि अपने ब्यान में करें अन्यथा उसे जेल भेज दिया जायेगा, जहां उसे जिंदगी भर जेल में सडऩा पड़ेगा। गवाहों की क्रूर पिटाई, उनसे गाली गलौज ई.डी. अधिकारियों के लिये सामान्य बात है। गवाह यदि ई.डी. अधिकारियों का कहना नहीं मानते तो उसके परिवार जनों को अरेस्ट करने की धमकी दी जाकर मनचाहा ब्यान लिखवा लिया जाता है।  किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी संस्था को निरंकुश बनाने तथा नागरिक अधिकारों को इस कदर हनन देश के लिये सबसे बड़ी चिंता का विषय बन चुका है।

महादेव ऐप घोटाला पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महादेव ऐप तथा अन्य अनेक आॅनलाइन गेमिंग ऐप पूरे देश में चल रहे हैं। भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ई.डी. द्वारा क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है। जब छत्तीसगढ़ में आंध्र प्रदेश की एफ.आई.आर के आधार पर कार्यवाही हो रही है तो देश के किसी भी राज्य में किसी एफ.आई.आर के आधार पर कार्यवाही की जा सकती है। यह उल्लेखनीय है कि सरकार के विशेष प्रयासों के कारण ही महादेव एप्स से संबंधित अनेक दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सैकड़ों करोड़ के घोटाले का पदार्फाश किया गया। महादेव एप्स घोटाले में भाजपा के अनेक शक्तिशाली व्यक्ति शामिल है। ई.डी. द्वारा भाजपाइयों को बचाने के षड्यंत्र की आड़ में मेरे निकट सहयोगियों एवं घोटाले का पदार्फाश करने वाले पुलिस अधिकारियों को फंसाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
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