September 30, 2024

चुनाव में मुफ्त वाले वादों की आजादी चाहती है AAP, सुप्रीम कोर्ट में दी यह दलील

0

 नई दिल्ली
 
आम आदमी पार्टी ने चुनावी भाषण और मुफ्त उपहारों के वादों को समीक्षा के दायरे से बाहर रखने की मांग की है। आप ने कहा कि चुनाव से पहले किए गए वादे, दावे और भाषण की आजादी अनुच्छेद 19.1.ए के तहत आते हैं। इनपर रोक कैसे लगाई जा सकती है। आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र में कहा कि अनिर्वाचित उम्मीदवारों द्वारा दिए गए चुनावी भाषण भविष्य की सरकार की बजटीय योजनाओं के बारे में आधिकारिक बयान नहीं हो सकते। वास्तव में वे नागरिक कल्याण के विभिन्न मुद्दों पर किसी पार्टी या उम्मीदवार के वैचारिक बयान मात्र हैं। यह नागरिकों को सचेत करने के लिए हैं ताकि वह मतदान में फैसला कर सके कि किसे वोट देना है।

इस मामले में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ के समक्ष 17 अगस्त को सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह एक विशेषज्ञ समिति बनाकर मामले को देखना चाहता है, क्योंकि यह गंभीर मुद्दा है।

शामिल होने से मना कर दिया था
कोर्ट ने प्रस्तावित समिति में वित्त आयोग, नीति आयोग, रिजर्व बैंक और सरकार के प्रतिनिधि होंगे। चुनाव आयोग ने इस समिति में शामिल होने से मना कर दिया था। आप ने कहा कि विशेषज्ञ समिति यदि बनाई ही जा रही है तो उसे वास्तविक वित्तीय खर्च को नियंत्रित करने का उपाए सुझाने चाहिए लेकिन ये सुझाव विस्तृत सामाजिक कल्याण के संवैधानिक मॉडल पर आधारित हों।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *