बंगाल: आजीवन कारावास की सजा पाए 99 कैदियों को मिली मुक्ति, चेहरे पर लौटी खुशी
कोलकाता
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इस साल भी राज्य की जेलों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे 99 कैदियों को पर रिहा करने का ऐलान किया था। उनके परिजन मंगलवार की सुबह से ही जेल गेट के बाहर मौजूद थे। मंगलवार की सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया।
रिहा होने वालों में ज्यादातर उम्रकैद की सजा पाये या ज्यादातर सजायाफ्ता अपराधी हैं। ये वर्षों से जेल की सलाखों के पीछे अपना जीवन गुजार रहे थे। इस दौरान किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया है, तो किसी का कोई नहीं है। किसी के परिजन कभी नहीं मिले। वे स्वतंत्रता दिवस पर जेल से रिहा हुए। कारागार के गेट से बाहर निकलने के बाद कैदियों ने आसपास देखा, तो किसी के रिश्तेदार आये थे, तो किसी का कोई नहीं था। कारागार से निकलने के बाद कई अपने रिश्तेदारों के साथ मुस्कुराते हुए घर लौट गये। मंगलवार को प्रेसीडेंसी जेल से 11 कैदियों को रिहा कर दिया गया है।
कई कैदियों को परिवार ने दिया था छोड़
जिन कैदियों को मंगलवार को रिहा किया गया है। उनमें हरिपाल थाना क्षेत्र के मोरा गोपीनाथपुर गांव में स्थित घर नीलकांत पाल शामिल है। जेल में आने के बाद से पत्नी ने कभी खोज खबर नहीं ली थी। उसका पांच साल का एक बेटा है। उसकी पत्नी अपने बेटे के साथ पिता के घर चली गई थी और गांव वालों को बता दिया था कि नीलकांत मर चुका है। नीलकांत का कहा है कि उसकी एक बूढ़ी मां है। उसकी वह सेवा करेगा। उसकी सेवा में ही वह अपना जीवन गुजार देगा।
जेल में अच्छे काम और व्यवहार के कारण हुए रिहा
अन्य रिहा किये गये कैदियों में दीपक सनी छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला है। कोलकाता के बटाला थाना क्षेत्र में एक स्कूल बच्चे का अपहरण करते पकड़ा गया था। तब से वह छह साल जेल में बिताकर घर लौट रहा है। आज कैदियों रिहा किया गया है। इनमें से प्रत्येक को छह माह या एक माह के बाद रिहा होना था, लेकिन जेल विभाग ने उन्हें अच्छे काम और व्यवहार करने के कारण उन्हें जेल से रिहा कर दिया।
ओडिशा का एक व्यक्ति, उसने हत्या के एक मामले में दस साल से अधिक समय तक जेल की सजा काट ली है, जब वह जेल से बाहर आया तो उसके बैग में फूलों का गुलदस्ता और एक प्रमाण पत्र था। वह बैग हाथ में लेकर आगे बढ़ गया। जब उससे पूछा गया कि वह कहा जाएगा, तो उसने कहा कि घर के लोगों ने उसे पहले ही छोड़ दिया है। वह ओडिशा लौटेगा। यदि बाहर उनका मन नहीं लगेगा, तो फिर से पुलिस से कहेगा कि वह उसे जेल में ही बंद कर दे।