September 23, 2024

महाकाल को बांधी सबसे पहले राखी, सवा लाख लड्‌डुओं का भोग लगाया

0

उज्जैन

आज रक्षा बंधन मनाया जा रहा है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल को सबसे पहली राखी बांधी गई। ये राखी भस्म आरती के बाद पुजारी परिवार की महिलाओं ने बांधी। महाकाल को सवा लाख लड्‌डुओं का भोग लगाया। अन्य भक्तों ने भी भगवान महाकाल को राखी अर्पित की।

तड़के तीन बजे मंदिर के पट खोल दिए गए। जल अभिषेक के बाद महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। भद्रा के कारण राखी का त्योहार रात को मनेगा, लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में तड़के 4 बजे भगवान महाकाल को राखी अर्पित की गई। मान्यता है कि हिंदू रीति से मनाए जाने वाले सभी पर्व महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनाए जाते हैं।

भगवान को चढ़ने वाली राखी को शुद्धता का ख्याल रखकर घर में बनाया जाता है। पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने मिलकर भगवान महाकाल की राखी तैयार की। रेशम के धागे, विशेष वस्त्र, स्पंज और आभूषण की मदद से राखी बनाई गई है। 2 फीट चौड़ी राखी को 10 दिन में तैयार किया गया।

राखी पर सवा लाख लड्डू का भोग

बुधवार को श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस बार भी भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा राजाधिराज महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। भस्म आरती से रात शयन आरती तक महाकाल मंदिर दर्शन करने आने वाले भक्तों को लड्डू प्रसाद के रूप में दिए जाएंगे।

25 क्विंटल बेसन और 20 क्विंटल शुद्ध घी से बनाए लड्‌डू

सवा लाख लड्डुओं को महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल ऑफिस के पास बने हॉल में तैयार किए गए। इसमें 45 लोगों की टीम ने इन लड्‌डुओं काे तैयार किया। इंदौर के बाबू हलवाई ने बताया कि सवा लाख लड्डुओं के लिए 25 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल शक्कर, 20 क्विंटल शुद्ध घी, डेढ़ क्विंटल काजू, डेढ़ क्विंटल किशमिश, 50 किलो इलाइची का उपयोग कर तैयार किए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *