तिरंगा के आकार व रंग का हो सकता है ‘झंडा’, आरोपों का जवाब देने की जुगत में विपक्ष
नई दिल्ली
चुनाव में जाने से पहले आइएनडीआइए अपने प्रतिद्वंद्वी एनडीए गठबंधन के उन सारे आरोपों का जवाब खोज लेना चाहती है, जिनका नाम लेकर तंज कसा जाता है। विपक्ष पर अभी तक आरोप लगता रहा है कि उसके पास न तो नेता है, न झंडा और न ही कार्यक्रम। मुंबई में सारे प्रश्नों के उत्तर तलाश लिया जाएगा। अब तक की तैयारी के अनुसार, झंडे का आकार-प्रकार और रंग-रूप तिरंगा की तरह होगा। इसके बीच में चक्र के स्थान पर विपक्षी एकता को प्रदर्शित करने वाला लोगो हो सकता है। गठबंधन के नाम की तरह झंडे के स्वरूप को भी कांग्रेस के स्तर से तय किया जा रहा है।
दूसरे दलों को सिर्फ संकेत दिया गया है। सूचना है कि कांग्रेस ने तिरंगा की शक्ल वाला झंडा तय करने से पहले संवैधानिक पक्षों को भी टटोल लिया है। कांग्रेस पहले भी ऐसा कर चुकी है। 1977 के संसदीय चुनाव में कांग्रेस का चुनाव चिह्न गाय-बछड़ा था। किंतु करारी हार के बाद कांग्रेस में विभाजन हुआ, जिसके चलते गाय-बछड़े के चिह्न को चुनाव आयोग ने जब्त कर लिया। बाद में देवराहा बाबा के आशीर्वाद से प्रेरित होकर इंदिरा गांधी ने पंजा चिह्न को अपना लिया, जिसके पार्श्व में तिरंगा था। इसके विरोध में कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गई थीं, किंतु फैसला अंतत: इंदिरा कांग्रेस के पक्ष में ही आया था।
चुनावी कार्यक्रम के स्वरूप भी तय होंगे
आइएनडीआइए को सीट बंटवारे की चुनौती से भी निपटना है, किंतु इसके पहले चुनावी कार्यक्रम के स्वरूप को तय करना है। सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते से अलग-अलग राज्यों में जनसभाएं शुरू हो सकती हैं। इसके लिए झंडे की प्रमुख भूमिका होगी। जदयू के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि झंडे का इस्तेमाल विभिन्न दल अपने कार्यक्रमों में करेंगे। उधर, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को आइएनडीआइए पर सीधा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का पद ‘घमंडिया’ गठबंधन को एकजुट रखने के लिए फेविकोल बन गया है।
बढ़ सकता है कुनबा
आइएनडीआइए में अभी 26 दल शामिल हैं, लेकिन माना जा रहा है कि कुनबा बड़ा हो सकता है। तीन-चार दलों के और जुड़ जाने से कुल संख्या 26 से बढ़कर 30 हो सकती है। मायावती के स्टैंड का भी इंतजार है। महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के अलावा कुछ और दलों का इंतजार किया जा रहा है। केसी त्यागी ने दावा किया कि नीतीश कुमार के संपर्क में सुखबीर सिंह बादल भी हैं। ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी से भी उम्मीद है। 25 सितंबर को हिसार में प्रस्तावित रैली में भी विरोधी दलों को आमंत्रित किया गया है।
शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने एमवीए नेताओं से की मुलाकात आइएनडीआइए की बैठक से पहले मंगलवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने एक पांच सितारा होटल में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। शरद पवार बुधवार को बैठक को लेकर मीडिया से बात करेंगे। इस बैठक की मेजबानी उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। कांग्रेस और राकांपा नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को इसका प्रभारी बनाया गया है।
पटोले को उम्मीद, खरगे हो सकते हैं संयोजक
कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उम्मीद जताई है कि मुंबई में होने वाली आइएनडीआइए की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सर्वसम्मति से संयोजक चुना जा सकता है। जहां तक राहुल गांधी की बात है, वह चुनाव अभियान में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि राहुल और खरगे केसी वेणुगोपाल के साथ पार्टी के दादर स्थित मुख्यालय तिलक भवन जाएंगे। वहां एक भव्य अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लंबे समय बाद मुंबई आ रहे हैं। वह इतनी परेशानियों का सामना करते आ रहे हैं फिर भी उन्होंने हमें पीएम मोदी और भाजपा का मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया है। हम इसके लिए जश्न मनाना चाहते हैं।