November 12, 2024

34,615 करोड़ का DHFL Scam, देश की 17 बैंकों को लगाया चूना, जाने कैसे किया घोटाला?

0

नईदिल्ली

देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोपी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वधावन को लेकर  खुलासे के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है. प्रशासन ने कपिल और धीरज को मेडिकल के नाम पर VVIP सुविधाएं देने के मामले में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इनमें जेल एस्कॉर्ट टीम का एक अधिकारी भी शामिल है. यही पुलिसकर्मी चेकअप के लिए वधावन बंधुओं को जेल से अस्पताल ले जाते थे, जहां उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता था.

 मंगलवार को मुंबई की तलोजा जेल में बंद कपिल और धीरज वधावन को लेकर बड़ा खुलासा किया था.  ऑपरेशन में सामने आया था कि कैसे दोनों बंधुओं को जेल से इलाज के नाम पर हफ्ते में तीन से चार बार अस्पताल ले जाया जाता है. जहां अस्पताल की पार्किंग में अपनी अपनी गाड़ियों में बैठकर मीटिंग करते हैं.  इस दौरान वधावन परिवार के सदस्य भी मौजूद रहते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं. घर से लाया गया खाना खाते हैं.

देश की 17 बैंकों को लगाया 34,615 का चूना

  • सीबीआई ने 8 मार्च, 2020 को येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, कपिल वधावन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज किया था.
  •   सीबीआई ने कहा था कि अप्रैल और जून 2018 के बीच, येस बैंक ने डीएचएफएल के शॉर्ट टर्म डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया और बदले में वधावन ने कथित तौर पर डीओआईटी अर्बन वेंचर्स को लोन के रूप में कपूर को 600 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. इन वेंचर्स पर कपूर की पत्नी और बेटियों का नियंत्रण था. प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि डीएचएफएल ने लेनदेन को कवर करने के लिए 40 करोड़ रुपये की संपत्तियों के बदले 600 करोड़ रुपये का लोन दिया था.
  • – जांच में सामने आया कि DHLF प्रमोटर्स ने मुंबई के बांद्रा रिक्लेमेशन में एक परियोजना के लिए बिलीफ रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड (बीआरपीएल) के नाम पर यस बैंक से 1,700 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव रखा था. इसके बाद, बैंक ने लोन को दो भागों में विभाजित कर दिया, और बीआरपीएल के नाम पर 750 करोड़ रुपये और आरकेडब्ल्यू परियोजना के नाम पर 950 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए.
  • – ईडी ने दावा किया कि डीएचएफएल के पास गिरवी रखी गई संपत्तियों का मूल्य 600 करोड़ रुपये के दिए गए लोन के मुकाबले 750 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया था. इस तरह से प्राप्त आय सार्वजनिक धन का 4,300 करोड़ रुपये थी, बाद में 5,500 करोड़ रुपये आंकी गई, और आगे की जांच के बाद कथित तौर पर इसमें वृद्धि हुई है.
  • – 8 मार्च को ईडी ने राणा कपूर को 29 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया. उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया.
  • – यस बैंक के प्रमुख राणा कपूर के साथ कथित मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के संबंध में वधावन बंधुओं को महाबलेश्वर से
  • – येस बैंक मामले में 26 अप्रैल को सीबीआई ने दोनों की महाबलेश्वर से गिरफ्तारी की थी. दरअसल, वधावन बंधु अप्रैल के महीने में कुछ लोगों के साथ लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पाए गए थे. बैंक घोटालों में एजेंसियों की रडार पर चल रहे कपिल और धीरज वधावन को 21 अन्य लोगों के साथ सतारा जिले के महाबलेश्वर हिल स्टेशन में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पकड़ा गया था.
  • – इसके बाद 14 मई को येस बैंक फर्जीवाड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
  • -जून 2022 में सीबीआई ने अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड के मामले में कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ नया केस दर्ज किया. इस मामले में बैंकों के एक समूह को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था. बैंकों के इस समूह की अगुवाई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) कर रहा था.

कैसे किया 34,615 का घोटाला?

– सीबीआई ने हाल ही में पता लगाया कि फ्रॉड में एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने उसकी अगुवाई वाले बैंकों के समूह को 40,623.36 करोड़ रुपये का चूना लगाने के लिए डीएचएफल के पुराने प्रबंधन और प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई से जांच करने की मांग की थी. 40,623.36 करोड़ रुपये का आंकड़ा 30 जुलाई 2020 के आधार पर था. बैंक ने अपनी शिकायत में ऑडिट फर्म केपीएमजी (KPMG) की जांच के नतीजों का भी जिक्र किया था. केपीएमजी ने पाया था कि उक्त मामले में नियमों व प्रावधानों को ताक पर रखा गया, अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की गई, गलत आंकड़े सामने रखे गए.

– बैंकों के संघ ने डीएचएफएल को 2010 और 2018 के बीच 42,871 करोड़ रुपये का लोन दिया था. संघ ने आरोप लगाया है कि वधावन बंधुओं ने दूसरों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया और छुपाया, आपराधिक विश्वासघात किया और मई 2019 से लोन अदायगी में चूक करके 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया.

जेल में बंद हैं वधावन भाई

दोनों वधावन भाई मुंबई की जेल में बंद हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को डीएचएफएल घोटाले के आरोपी धीरज वधावन को जरूरी चिकित्सा सहायता प्राप्त करने की अनुमति दी, लेकिन किसी भी अन्य सुविधा से इनकार कर दिया. कोर्ट ने यह आदेश धीरज वधावन की याचिका पर दी, जो उनके वकील विजय अग्रवाल ने दायर की थी. इसमें उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में फिर से भर्ती करने की मांग की गई थी, जहां उनका कुछ बीमारियों का इलाज चल रहा था, लेकिन बाद में इलाज के बाद उन्हें तलोजा जेल भेज दिया गया.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *