November 24, 2024

मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर को बुलाया संसद का विशेष सत्र, होंगी 5 बैठकें

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नईदिल्ली

केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पांच दिनों तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी। यह सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अचानक बुलाए गए विशेष सत्र की वजह से चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि आखिर पांच दिनों तक चलने वाली संसद की कार्यवाही में क्या होने वाला है? क्या सरकार की ओर से कोई अहम बिल पेश होगा या फिर यह नए संसद भवन से जुड़ा हुआ है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया, ''संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) आगामी 18 से 22 सितंबर के दौरान होगा, जिसमें 5 बैठकें होंगी। अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।'' मालूम हो कि पिछले मॉनसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से हुई थी, जबकि यह 11 अगस्त तक चला था।

मॉनसून सत्र में हुआ था जमकर हंगामा

इससे पहले 20 जुलाई से 11 अगस्त तक संसद का मॉनसून सत्र चला था. सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. विपक्ष मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान के साथ चर्चा पर अड़ा था, जबकि सरकार गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ चर्चा की बात कह रही थी. इसे लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर गतिरोध रहा.

इसके बाद कांग्रेस मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी. इस दौरान राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र कर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब पीएम मोदी ने दिया था. इसके साथ ही विपक्ष का प्रस्ताव भी गिर गया था.

दरअसल, मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. वहां हिंसा में 160 लोगों को मौत हुई है. 10 हजार घर हिंसा की आग में तबाह हो गए. 50 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.  

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष ने मणिपुर हिंसा मामले और महिलाओं के सामने आए वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग की थी। इसके बाद विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर मणिपुर मामले को लेकर जोरदार हमला बोला था। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में जवाब दिया था। बाद में विपक्ष का प्रस्ताव गिर गया।

सत्र के दौरान लोकसभा में 20 विधेयक और राज्यसभा में 5 विधेयक पेश किए गए थे। लोकसभा में 22 बिल और राज्यसभा में 25 बिल पास हुए। क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की अनुमति से एक-एक विधेयक वापस ले लिया गया। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 23 थी।

 

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