मेट्रो स्टेशन पर भारत विरोधी नारे लिखने वाला हुआ अरेस्ट
नईदिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच से अधिक मेट्रो स्टेशनों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। रविवार सुबह 27 अगस्त को बाहरी दिल्ली में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) की ग्रीन लाइन पर पांच मेट्रो स्टेशनों – शिवाजी पार्क, मादीपुर, पशिम विहार और नांगलोई की दीवारों पर खालिस्तानी समर्थक नारे लिखे दिखाई दिए थे। ये घटनाएं ऐसे समय पर सामने आई हैं जब दिल्ली में 8-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन होना है।
आपत्तिजनक नारे और भित्तिचित्र (ग्राफिटी) कथित तौर पर प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के कार्यकर्ताओं या समर्थकों द्वारा लिखे गए थे। उन्होंने मेट्रो की दीवारों पर 'दिल्ली बनेगा (बनेगा) खालिस्तान' 'खालिस्तान रेफरेंडम जिंदाबाद' और 'मोदी के भारत ने सिखों का नरसंहार किया' जैसे नारे लिखे गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में, एसएफआई प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून, जो भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए विदेश में रहता है, ने घटनाओं की जिम्मेदारी ली थी।
वीडियो में पन्नू को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'भारत, प्रगति मैदान में जी-20 की लड़ाई आज शुरू हो गई है… सच्चे खालिस्तानियों ने दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर नारे लिखे हैं… और यह सभी जी-20 देशों को एक मैसेज है…' एचटी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है, जिसमें पन्नू को भारत विरोधी टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है।
घटना की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि 27 अगस्त की सुबह दीवारों पर भित्तिचित्र बनाए गए, उस समय मेट्रो ट्रेन सेवाएं और स्टेशन बंद थे। जनवरी से अगस्त के बीच शहर में इस तरह की यह दूसरी घटना है। पिछली बार जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह से पहले, 'खालिस्तान जिंदाबाद', 'एसएफआई', 'वोट फॉर खालिस्तान' और 'रेफरेंडम 2020' जैसे आपत्तिजनक खालिस्तान समर्थक नारे दिल्ली के पश्चिमी इलाकों में कम से कम 10 स्थानों पर दीवारों पर लिखे गए थे।
बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी और अन्य स्थानों पर ऐसे भित्तिचित्र बनाए गए थे। पुलिस ने इस मामले में गलत आरोप लगाना, राष्ट्रीय-अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले दावे और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था। बाद में, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 2 लाख रुपये के बदले में दीवारों पर ऐसे नारे लिखे थे। उन्हें पैसे देने का वादा किया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने यह कृत्य प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के निर्देश पर किया था, जिसने अलगाव की धमकी दी थी और इसके प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा इंटरनेट पर जारी एक वीडियो के जरिए घटना की जिम्मेदारी भी ली गई थी।