चंदेल का राजनीतिक सफर विद्यार्थी परिषद से शुरू होकर नेता प्रतिपक्ष तक पहुंचा
रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा के भीतर व बाहर पार्टी की साख को मजबूती से बनाये रखने के साथ संगठन से तालमेल रखते हुए विधानसभा चुनाव 24 के लिए पार्टी की वापसी कराना,सारे गुटों को साधना,कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ाने के साथ राज्य सरकार के खिलाफ मुखर होना,कई प्रकार की चुनौतियों को लेकर आज नेता प्रतिपक्ष बने नारायण चंदेल का राजनीतिक सफर विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर कार्य करते हुआ।
नारायण चंदेल जांजगीर-चांपा से विधायक हैं। उनका जन्म 19 अप्रैल 1965 में हुआ था। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 1980 से शुरू हुआ था। 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर 4 वर्षों तक रहने के दौरान उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी। जिसके बाद उन्हें 1984 से 86 तक जांजगीर नगर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था। इस बीच में अविभाजित बिलासपुर जिला के भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जिला कार्यसमिति के सदस्य भी रहे।
1986 से 1988 तक जांजगीर नैला नगर भाजपा उपाध्यक्ष, 1988 से 1990 तक बिलासपुर जिला भाजयुमो जिला अध्यक्ष, 1991 से 1993 तक बिलासपुर भाजपा जिला महामंत्री एवं मध्य प्रदेश भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, 1994 से 1996 मध्य प्रदेश भाजयुमो के प्रदेश मंत्री, 1997 से 1999 मध्य प्रदेश भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर उन्होंने काम किया। यही वजह है कि पार्टी ने 1998 में चांपा विधानसभा से चुनाव लड़ाया था। 1998 के विधानसभा चुनाव में ही उन्होंने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव जीता। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की है। इसके अलावा वह प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।