एनडीए की तुलना में महागठबंधन सरकार में ज्यादा दागी मिनिस्टर, कानून मंत्री को लेकर नीतीश सरकार पर उठ रहे सवाल
पटना
बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह उर्फ कार्तिक कुमार को लेकर हो रहे विवाद से नीतीश कैबिनेट में दागी नेताओं का मुद्दा चर्चा में आ गया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछली एनडीए सरकार के मुकाबले मौजूदा महागठबंधन सरकार में दागी मंत्रियों की संख्या ज्यादा है। नीतीश मंत्रिपरिषद में शामिल 23 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, आधे से ज्यादा मंत्रियों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं।
बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कैबिनेट में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी गई है। जबकि पिछले मंत्रिपरिषद में 64 फीसदी मंत्रियों पर ही आपराधिक मामले दर्ज थे। रिपोर्ट के अनुसार पिछली सरकार में जहां 18 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, वहीं इस बार 23 मंत्रियों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। पिछली एनडीए सरकार में 50 फीसदी मंत्रियों पर गंभीर अपराध के मामले थे, जबकि महागठबंधन सरकार में 53 फीसदी मंत्रियों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं।
बिहार में एनडीए की तुलना में महागठबंधन सरकार में इस बार नौ फीसदी कम करोड़पति मंत्री हैं। एनडीए सरकार में 93 फीसदी मंत्री करोड़पति थे, जबकि महागठबंधन में 84 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। नीतीश कुमार की पिछले सरकार में 31 में 26 मंत्री करोड़पति थे, जबकि इस बार 33 में 27 मंत्री करोड़पति हैं। रिपोर्ट के तुलनात्मक विश्लेषण के अनुसार एनडीए कैबिनेट की तुलना में वर्तमान मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों की औसत संपत्ति अधिक है। पिछली बार मंत्रियों की औसत संपत्ति 4.46 करोड़ रुपये थी जबकि इस बार यह 5.52 करोड़ रुपये है। पिछली कैबिनेट में शामिल मंत्री संजय कुमार झा के पास अधिकतम 22.37 करोड़ की घोषित संपत्ति थी जबकि इस बार समीर कुमार महासेठ के पास सर्वाधिक 24.45 करोड़ की संपत्ति है।
कानून मंत्री को लेकर विवाद
नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह के खिलाफ पटना के बिहटा में अपहरण का मामला दर्ज है। उनके खिलाफ सरेंडर का वारंट जारी हुआ था। उन्हें 16 अगस्त को अदालत में पेश होना था लेकिन वे कोर्ट जाने के बजाय मंत्री पद की शपथ लेने गए। अब विपक्षी दल बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है। कानून मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की गई है।