November 24, 2024

एम.एस.एम.ई. के 18 करोड़ से अधिक के प्रकरणों पर फेसिलिटेशन काउंसिल ने की सुनवाई : पी. नरहरि

0

छ.ग. ने समक्ष में समझा फेसिलिटेशन काउंसिल की कार्य-प्रणाली को

भोपाल

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लंबित भुगतान संबंधी विवादों के निराकरण के लिए गठित फेसिलिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष एवं उद्योग आयुक्त पी. नरहरि ने 31 प्रकरणों की सुनवाई कर निराकरण किया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को वित्तीय संकट से उबारने के उद्देश्य से भुगतान संबंधी विवादों के निराकरण के लिए काउंसिल का गठन किया गया है। शुक्रवार को हुई बैठक में काऊंसिल की कार्य-प्रणाली को समझने के लिए छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधि-मंडल भी उपस्थित रहा। काउंसिंल के अन्य सदस्य डी.डी.गजभिए, चंद्र मोहन, राजेश मिश्रा एवं महेश गुप्ता भी उपस्थित थे।

छ.ग. ने भी समझी कार्य-प्रणाली

अब तक मध्यप्रदेश में फेसिलिटेशन की पारदर्शी कार्य-प्रणाली को समझकर चार राज्य राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश तथा गुजरात ने अपने-अपने यहाँ इसे लागू किया है। इसके साथ ही 5वें राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतिनिधि-मंडल भी आज की सुनवाई में समक्ष में उपस्थित रहा। प्रतिनिधि-मंडल में सर्वसंजय गजघाटे, राकेश चौरसिया, सुविद्या भंडारी एवं सुप्रेरणा अग्रवाल शामिल थे।

18 करोड़ से अधिक के विवादों पर की सुनवाई

काउंसिल के समक्ष 31 प्रकरण प्रस्तुत किए गए। आवेदकों के 18 करोड़ 83 लाख 56 हजार 969 रूपये के प्रकरणों पर सुनवाई की गई जिसमें मूल राशि 7 करोड़ 7 लाख 92 हजार 641 रूपये थी जिस पर 10 करोड़ 83 लाख 56 हजार 969 रूपये ब्याज के रूप में दावा किया गया। सुनवाई में प्रत्येक प्रकरण पर समक्ष में चर्चा की गई। कई प्रकरणों में अंतिम सुनवाई का निर्णय लिया गया। काउंसिल अध्यक्ष नरहरि ने बताया कि काउंसिल में रूटीन सुनवाई न होकर अधिकतम 90 दिन में आपसी सहमति से निर्णय नहीं हो पाते तो दोनों पक्षों को सुनकर विवाद का निराकरण कर दिया जाता है।

उद्योग आयुक्त एवं ईएमएसएमई विभाग के सचिव इस फेसिलिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष हैं। इसमें 2 शासकीय तथा 2 अशासकीय सदस्य हैं। काउंसिल की हर माह दो बैठकें होती हैं। फेसिलिटेशन काउंसिल में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लंबित भुगतान के प्रकरण दायर होते हैं, तय तारीख पर सुनवाई होती है। प्रकरणों के लिए न ही कोई आवेदन शुल्क और न ही कोई फीस ली जाती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *