September 23, 2024

अगस्त के सूखे ने घटाया दाल का रकबा, दलहन की बोआई का क्षेत्र 11 लाख हेक्टेयर हुआ कम

0

नई दिल्ली
अगस्त में हुई कम बारिश का असर खरीफ की फसलों पर दिखाई पड़ने लगा है। जुलाई में हुई अच्छी बारिश के चलते ना केवल धान के रकबे में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई बल्कि सोयाबीन और मक्के का भी रकबा बढ़ा है। हालांकि पानी के बिना अब फसलें सूख रही हैं। कम बारिश का सबसे ज्यादा असर दलहन फसलों पर दिख रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में रकबा 11 लाख हेक्टेयर कम हो गया है। अगर सितंबर में अच्छी बारिश नहीं हुई तो जो फसलें खेतों में खड़ी हैं, वह भी सूख सकती हैं। क्षति का आंकड़ा बढ़ सकता है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार एक सितंबर तक 10.77 करोड़ हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोआई हो चुकी है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 10.73 करोड़ हेक्टेयर था। इस बार 0.45 प्रतिशत ज्यादा है। धान का क्षेत्र 14.30 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। पिछले वर्ष 383.79 लाख हेक्टेयर में धान फसल थी, जो इस बार 398.08 लाख हेक्टेयर हो गया है। सबसे ज्यादा बिहार, छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश में धान का रकबा बढ़ा है।

गन्ने का क्षेत्र 7.66 प्रतिशत बढ़कर 59.91 लाख हेक्टेयर
गन्ने का क्षेत्र 7.66 प्रतिशत बढ़कर 59.91 लाख हेक्टेयर हो गया। कपास की खबर अच्छी नहीं है। इसका क्षेत्र 2.11 प्रतिशत गिरकर 123 लाख हेक्टेयर रह गया। रिपोर्ट के अनुसार दलहन की बोआई में आठ प्रतिशत की कमी आई है। 119.09 लाख हेक्टेयर में दलहन की बोआई हुई है। यह पिछली बार के 130.13 लाख हेक्टेयर से 8.48 प्रतिशत कम है। सबसे ज्यादा अरहर के रकबे में कमी है। 5.76 प्रतिशत घटकर 42.66 लाख हेक्टेयर रह गया है। मूंग में 7.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। उड़द 13.56 प्रतिशत घटकर 31.68 लाख हेक्टेयर रह गया है। बाजार पर अभी तक टमाटर और प्याज की महंगाई का असर देखा जा रहा था, लेकिन अल्पवर्षा ने इसमें दाल को भी शामिल कर लिया है। मोटे अनाज की बोआई में एक प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष 179.13 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार 181.06 लाख हेक्टेयर में बोआई हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *