October 1, 2024

मुख्तार अंसारी के 15 ठिकानो पर ED की बड़ी कार्रवाई

0

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी है. ईडी की यह कार्रवाई दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के 11 ठिकानों पर चल रही है. जानकारी के मुताबिक यह छापेमारी मुख्तार के सीए और परिजनों समेत कुछ सहयोगियों के यहां हो रही है. गाजीपुर के मुहम्म्मदाबाद में मुख्तार अंसारी के घर पर लखनऊ से ईडी की टीम पहुंची है. इसके अलावा टाउन हॉल में खान बस सर्विस के मालिक के यहां, सोना व्यवसायी विक्रम अग्रहरि और प्रोपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्रा के यहां भी छापेमारी हुई है.  गणेश दत्त मिश्रा, विक्रम अग्रहरि और मुस्ताक खान मुख्तार अंसारी के करीबी हैं. ईडी की टीम ने पुलिस फोर्स के साथ सभी के आवास को घेर लिया है.

बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें अभी और बढ़ सकती है. उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने भी आरोप तय कर दिए हैं. अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी. अंसारी पर एमपी-एमएलए कोर्ट बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोप तय कर दिए हैं. उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति के केस में कोर्ट ने ये आरोप तय किए हैं. एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने पर आरोपों की हस्ताक्षर युक्त कॉपी सौंपने के भी निर्देश दिए हैं.

क्या है मामला
ये पूरा मामला हजरतगंज के डालीबाग का है. जहां शत्रु संपत्ति के मामले में मुख्तार और उसके बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ लेखपाल ने केस दर्ज कराया था. इस केस में लेखपाल ने धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराया था. इसके अलावा मुख्तार के बेटे अब्बास की तलाश लखनऊ पुलिस कर रही है. इसके लिए लखनऊ कमिश्नरेट ने आठ टीमें लगा रखी हैं. जबकि कोर्ट के ओर से पुलिस को 25 अगस्त तक का समय दिया गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई जगहों पर छापेमारी भी कर रही है. अब्बास अंसारी की तालश में लखनऊ कमिश्नरेट ने 84 पुलिसकर्मियों की कुल आठ टीमें हैं.

पंजाब में मुख्तार को मिला था VVIP ट्रीटमेंट

आपको बता दें कि इससे पहले मुख्तार अंसारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।  हाल ही में पंजाब की आप सरकार ने मुख्तार अंसारी के रूपनगर जेल में बंद होने पर VVIP ट्रीटमेंट देने के आरोप में जांच का आदेश दिया था। वहीं, जांच में ये खुलासा हुआ है कि राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अंसारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने के लिए वकील को लगाया था। इतना ही नहीं उस वकील पर हर सुनवाई के लिए 11 लाख रूपए भी खर्च किए जाते थे। जिसके हिसाब से उस वकील पर कुल 55 लाख रुपये खर्ज किए गए। वकील की तरफ से सुनवाई न होने के दिन पर भी 5 लाख रुपए चार्ज मांगा जाता था। हालांकि पंजाब की नई बनी आप सरकार ने वकील के इन बिलों का भुगतान करने से इनकार कर दिया है।

‘मुख्तार के साथ पत्नी भी रहीं जेल में’

जांच में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैन्स ने कहा, ‘हम इन बिलों का भुगतान क्यों करें, जिन्हें गैंगस्टर को बचाने में खर्च किया गया है’। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि हमारी तरफ से इस मामले में FIR दर्ज करने की भी मांग की गई है। बताया जा रहा है जांच में ये बात भी सामने आई है कि बैरक में मुख्तार अंसारी को फाइव स्टार जैसी सुविधाएं दी जा रही थीं। जहां 25 कैदियों को रखने की व्यवस्था थी, उसे अंसारी के लिए खाली करवा दिया गया था। यहां तक की अंसारी की पत्नी को भी वहां रहने की इजाजत दी गई थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *