शिक्षक की भूमिका समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण : कुलपति शुक्ला
रायपुर
गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में महाविद्यालय एवं वामन राव लाखे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 11 प्राध्यापकों का सम्मान हुआ यह सम्मान इन अध्यापकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रदान किया गया है। इस मौके पर विशेष रूप से मुख्य अतिथि प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ला कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय एवं श्री अजय तिवारी अध्यक्ष शिक्षा प्रचारक समिति श्री अनिल तिवारी महासचिव शिक्षा प्रचारक समिति श्री आरके गुप्ता उपाध्यक्ष के साथ महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी वामन लाखे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती भारती यदु श्रीमती मंजू साहू आदि की विशेष उपस्थिति रही।
बता दें की महाविद्यालय एवं विद्यालय में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जिन प्राध्यापक को सम्मानित किया गया है उनमें श्रीमति श्रुति तिवारी प्रोफेसर ललित मोहन वर्मा विवेक साहू सुनील अग्रवाल डॉ लक्ष्मीकांत साहू डॉ श्वेता शर्मा विद्यालय स्तर पर प्राचार्य वामन लाखे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती भारती यदु एवं हीरापुर स्कूल की शिक्षिका श्रीमती नीरा अविनाश निषाद श्रीमती किरण शर्मा एसपीएस इंग्लिश मध्यम स्कूल की शिक्षिका श्रीमती पूजा गिरी एवं श्रीमती रेखा सोनी को सम्मानित किया गया इन सभी प्राध्यापक को और शिक्षिकाओं को प्रशंसनीय पत्र और साल श्रीफल से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि शिक्षक की भूमिका समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण होती है इसीलिए शिक्षक के प्रति हमेशा आधार की भावना सामने आती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को राष्ट्र के लिए समर्पित युवक बनाने के लिए योगदान करना चाहिए। आज भी बेहतर कंटेंट डिलीवरी के लिए शिक्षक पूज्य माने जाते हैं। कुलपति प्रोफेसर शुक्ला ने कहा की शिक्षा व तपोभूमि है जिसमें अशिक्षित भी पारंगत होकर अपना स्थान बना लेता है आईआईटी मुंबई का उदाहरण पेश करते हुए कुलपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक अशिक्षित ने यह कारनामा किया है जिसे सभी को प्रेरणा में लेना चाहिए वैसे भी मूल्यांकन के आधार पर छात्र को राष्ट्र का नागरिक शिक्षक शिक्षक बनाता है माता-पिता के साथ शिक्षक भाई और पिता की तरह समझ जाते हैं कुलपति ने कहा कि किस्मत में जहां पहुंचा दी उसे ही तपोभूमि समझकर अपनी जमीन तलाश लेना चाहिए कुलपति ने 33 वर्षों के अनुभव को बेहतरीन अनुभव बताया और कहा जहां जाते हैं शिक्षक के सम्मान से प्राप्त करते हैं तो मन गदगद हो जाता है।
शिक्षा प्रचार समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक थे जिनके सम्मान में दिवस मनाया जाता है शिक्षक पहले माता-पिता होते हैं। उन्होंने कहा कि मिट्टी के घड़े को आकार देने में कुम्हार का योगदान होता है ठीक इसी तरह से शिक्षक तभी लोकप्रिय होते हैं जब वह अपने विद्यार्थी को लोकप्रिय बनाने में सफल हो जाते हैं। तिवारी ने कहा कि जिन शिक्षकों को सम्मान किया गया है। उन्होंने बेहतरीन कार्य किया है यहां पर इस आयोजन में मौजूद सभी शिक्षक शिक्षिकाओं से यह आह्वान किया जाता है कि वह इसी तरह से समर्पित होकर महाविद्यालय और विद्यालय के लिए कार्य करते रहें वे भी अवश्य सम्मानित किए जाएंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी का कहा कि आज महाविद्यालय नगर में उच्चतर स्थान पर पहुंचा है तो वह शिक्षक और प्राध्यापक अतुलनीय कार्य के कारण पहुंच पाया है। सभी शिक्षक काफी मेहनत करने वाले और लगनशील हैं पर पुरस्कार केवल एक को मिलता है, आज 11 शिक्षकों को मिला है, आने वाले साल में या संख्या बढ़ सकती है इसलिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए उन्होंने सम्मानित शिक्षकों को शुभकामनाएं प्रेषित की इस मौके पर काफी संख्या में प्राध्यापकगण व महाविद्यालय परिवार उपस्थित थे।