September 25, 2024

कैलकुलेशन पर सही से नहीं दिया ध्यान, इस वजह से एशिया कप 2023 से बाहर हुआ अफगानिस्तान

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नई दिल्ली
अफगानिस्तान की टीम के लिए मंगलवार 5 सितंबर की रात सबसे कठिन रात रही होगी, क्योंकि उनके पास एशिया कप 2023 के सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई करने का मौका था। हालांकि, अफगानिस्तान की टीम श्रीलंका के खिलाफ करीबी मैच में हार गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। अफगानिस्तान की हार के पीछे की वजह कुछ और नहीं, बल्कि गलत कैलकुलेशन था।

दरअसल, अफगानिस्तान के सामने श्रीलंका ने 292 रनों का लक्ष्य रखा था। अफगानिस्तान की टीम जानती थी कि अगर वे इस लक्ष्य को 37.1 ओवर में हासिल कर लेते हैं तो बेहतर नेट रन रेट के आधार पर सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई कर जाएंगे। यही वजह थी कि टीम ने इस लक्ष्य को 37 ओवरों में ही हासिल करने की कोशिश की। एक समय लगा भी की टीम ऐसा कर पाएगी।

हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। टीम के दिमाग में ये कैलकुलेशन तो थी कि वे अगर इस लक्ष्य को 37.1 ओवर में हासिल कर लेते हैं तो नेट रन रेट में आगे निकल जाएंगे, लेकिन इसके आगे के कैलकुलेशन पर टीम मैनेजमेंट और सपोर्ट स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। राशिद खान और अन्य बल्लेबाजों के दिमाग में 37.1 ओवर में लक्ष्य हासिल करने का फितूर सवार हो चुका था।

38वें ओवर में जब धनंजय डिसिल्वा गेंदबाजी कराने आए तो मुजीब उर रहमान ने लॉग ऑन के ऊपर से छक्का जड़ने की कोशिश की, लेकिन वे कैच आउट हो गए। इस तरह अफगानिस्तान के सभी खिलाड़ियों के चेहरों पर मायूसी छा गई, लेकिन उन्हें ये शायद किसी ने नहीं बताया था कि वे अभी भी मैच में बने हुए हैं। इसमें सपोर्ट स्टाफ की गलती कही जा सकती है।

क्या हो सकता था मैच में?
38वें ओवर की पहली गेंद पर मुजीब सिंगल लेकर राशिद को स्ट्राइक देते और राशिद उस गेंद पर चौका या छक्का जड़ देते तो टीम सुपर 4 में पहुंच जाती। एक अन्य सेनेरियो में अगर टीम चौथी गेंद तक 295 रन बनाती तो भी क्वॉलिफाई कर सकती थी। एक सेनेरियो ये भी था कि अगर अफगानिस्तान ने 38वें ओवर की पांचवीं गेंद पर 295 रन बनाए होते तो अफगानिस्तान और श्रीलंका का नेट रन रेट बराबर होता और ऐसे में फैसला सिक्का उछालकर होता।

मैच के बाद अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट ने मीडिया को स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें केवल 37.1 रन चेज सेनेरियो के बारे में बताया गया था। इसमें ब्रॉडकास्टिंग टीम की गलती कही जाएगी, क्योंकि वे समय-समय पर आंकड़ों को शायद फ्लैश नहीं कर पाए और यही वजह रही कि उनको पता नहीं चला कि वे कैसे नेट रन रेट सुधार सकते हैं।

 

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