November 26, 2024

जाने अजा एकादशी व्रत हैं कब? रवि पुष्य समेत बन रहे 2 शुभ योग, देखें पूजा मुहूर्त

0

अजा एकादशी का व्रत हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. अजा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को वैकुंठ की प्राप्ति होती है और उसे अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलता है. इस व्रत में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं. इस बार अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य समेत 2 शुभ योग बन रहे हैं. अजा एकादशी कब है? अजा एकादशी पूजा मुहूर्त और पारण समय क्या है?

अजा एकादशी व्रत का तिथि मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार, इस साल अजा एकादशी व्रत के लिए भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर शनिवार को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो रही है और यह तिथि 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट तक रहेगी.

कब रखा जाएगा अजा एकादशी व्रत?
उदयातिथि को देखते हुए अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर रविवार को रखा जाएगा. उस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाएगी और अजा एकादशी व्रत कथा सुनी जाएगी.

अजा एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त कब से है?
अजा एकादशी व्रत का पूजा मुहूर्त सुबह 07 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ है. जो लोग इस दिन व्रत रखेंगे, वे सुबह 07:37 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट के बीच कभी भी अजा एकादशी की पूजा कर सकते हैं. इस समय में लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:44 बजे तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 10:44 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है.

 

रवि पुष्य समेत 2 शुभ योग में अजा एकादशी 2023
इस वर्ष अजा एकादशी के दिन दो शुभ योग रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. रवि पुष्य योग शाम 05 बजकर 06 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 10 सितंबर को शाम 05:06 बजे से लेकर 11 सितंबर की सुबह 06:04 बजे तक है. ये दोनों ही योग कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं.

अजा एकादशी 2023 व्रत का पारण कब होगा?
अजा एकादशी व्रत का पारण 11 सितंबर सोमवार को सूर्योदय के साथ होगा. उस दिन आप व्रत का पारण सुबह 06 बजकर 04 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. उस दिन द्वादशी तिथि रात 11 बजकर 52 मिनट तक है.

अजा एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
अजा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप मिटते हैं. भगवान विष्णु के अशीर्वाद से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. व्यक्ति जीवन मरण के चक्र से मुक्त होकर भगवान विष्णु के चरणों में स्थान पाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *