November 27, 2024

आज पधारेंगे G20 के मेहमान, स्वागत को सजी दिल्ली; आसमान की सुरक्षा करेगा राफेल

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नई दिल्ली

G20 शिखर सम्मेलन 2023 आज: भारत 9 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। आज से ही दुनिया के 20 सबसे ताकतवर मुल्कों के नेता भारत पधार रहे हैं। शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। विश्व के कई शक्तिशाली नेता शुक्रवार को तीन दिनों के लिए दिल्ली आएंगे और अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, बुनियादी ढांचे, सतत विकास आदि जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस बीच, अधिकारियों ने शहर में यातायात को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं। दिल्ली की उन सड़कों को भित्तिचित्रों, प्रतिमाओं, फव्वारों और पौधों से सजाया गया है, जहां से विश्व नेता गुजरेंगे।

कई इलाकों में यातायात पर पाबंदी

नयी दिल्ली क्षेत्र शुक्रवार सुबह से ही कड़ी सुरक्षा घेरे में आ जाएगा और यातायात को लेकर कई प्रतिबंध लागू हो जाएंगे क्योंकि इसी क्षेत्र में जी-20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है और इसमें भाग लेने वाले कई विदेशी प्रतिनिधि इसी क्षेत्र के होटलों मे रुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि नयी दिल्ली जिले में वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि जी20 शिखर सम्मेलन के कारण इस क्षेत्र को शुक्रवार सुबह पांच बजे से रविवार रात 11.59 बजे तक विनियमित क्षेत्र-प्रथम माना जाएगा।

पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस की आवाजाही की अनुमति होगी और क्षेत्र के स्थानीय निवासियों और वहां ठहराए गए पर्यटकों को उचित पहचान पत्र दिखाने के बाद आने-जाने की अनुमति दी जाएगी। उसने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नयी दिल्ली जिले में दवाओं को छोड़कर सभी ऑनलाइन डिलीवरी सेवाएं बाधित रहेंगी। अधिकारियों ने बताया कि 50,000 से अधिक कर्मियों, के9 श्वान दस्ते और घुड़सवार पुलिस की सहायता से दिल्ली पुलिस शिखर सम्मेलन के दौरान पूरे शहर की कड़ी निगरानी करेगी।

आसमान की सुरक्षा करेगा राफेल

भारतीय वायु सेना ने उत्तरी क्षेत्र में चल रहे अभ्यास त्रिशूल पर रोक लगा दी है। इसकी वजह जी20 समिट बताई जा रही है। 7-10 सितंबर तक ये लड़ाकू विमान अभ्यास में भाग नहीं लेंगे। दरअसल इनके जिम्मे दिल्ली के आसमान की सुरक्षा सौंपी गई है। वायुसेना अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल एक्स-त्रिशूल में शामिल विमानों के उड़ान संचालन को रोका जाएगा और अन्य नियमित उड़ानें जारी रह सकती हैं। रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस दौरान, भारतीय वायु सेना एनसीआर के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के वास्ते देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी।

भारतीय वायु सेना शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए अपने राफेल और अन्य लड़ाकू जेट विमानों को अग्रिम हवाई अड्डों पर तैनात कर रही है। दुश्मन के विमानों या ड्रोनों को मार गिराने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को भी दिल्ली के आसपास के स्थानों पर ले जाया गया है। भारतीय वायु सेना 4 सितंबर से चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं के साथ उत्तरी क्षेत्र में त्रिशूल नामक एक प्रमुख प्रशिक्षण अभ्यास कर रही है। राफेल, मिराज 2000 और Su-30MKI सहित लड़ाकू विमानों के सभी प्रमुख बेड़े चिनूक और अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकॉप्टरों के साथ अभ्यास में भाग ले रहे हैं। गरुड़ विशेष बल भी उस अभ्यास का हिस्सा हैं जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों का अभ्यास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी आज बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज शाम द्विपक्षीय वार्ता करेंगे जिसमें भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जोर दिए जाने की संभावना है। दोनों नेताओं के स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार, उच्च-प्रौद्योगिकी, रक्षा जैसे क्षेत्रों में जारी द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है। इसके साथ ही वे इस बात पर भी चर्चा कर सकते हैं कि दोनों देश विश्व की कुछ गंभीर चुनौतियों से निपटने में किस प्रकार योगदान दे सकते हैं। प्रधानमंत्री के शुक्रवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन 9-10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आ रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।

कौन से देश हैं जी20 के सदस्य

1999 में गठित जी20 का उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है। कुल मिलाकर, G20 देशों में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी, 80 प्रतिशत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद और 75 प्रतिशत वैश्विक व्यापार शामिल है। सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

 

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