November 28, 2024

मैप विवाद के बाद अब G-20 में भी चीन पड़ेगा अलग-थलग: ड्रैगन से भारत नहीं करेगा द्विपक्षीय बात

0

 नई दिल्ली

जी-20 के 18वें शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 से 10 सितंबर के बीच अमेरिका, बांग्लादेश, फ्रांस और जापान सहित G-20 के करीब 15 नेताओं और आमंत्रित लोगों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, लेकिन चीन इस मोर्चे पर अलग-थलग रह सकता है। अभी तक चीन के साथ पीएम मोदी की किसी तरह की बैठक की कोई योजना नहीं है। जी-शिखर सम्मेलन में चीन की तरफ से प्रधान मंत्री ली क़ियांग आ रहे हैं। यह उनकी पहली भारत यात्रा है।

बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नई दिल्ली में आयोजित 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए  अपने प्रधान मंत्री को नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि  द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट के कारण जिनपिंग ने इस वैश्विक सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। हालांकि,चीन ने इसी सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह भारत की जी-20 की अध्यक्षता का समर्थन करता है।

तीन दिनों के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत दौरे पर आए चुनिंदा नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं। आज रात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है लेकिन चीनी प्रधानमंत्री के साथ तीन दिनों के अंदर एक भी द्विपक्षीय बातचीत का कार्यक्रम नहीं है। ऐसे में वह अलग-थलग पड़ सकते हैं। चीनी पीएम ली भले ही शी जिनपिंग के विश्वासपात्र हैं लेकिन भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय जगत में वह वेन जियाबाओ सहित अपने कुछ पूर्ववर्तियों के विपरीत अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय हैं क्योंकि चीनी अर्थव्यवस्था को संभालने वाले ली ने अब तक भूराजनीति में कोई महत्वपूर्ण छाप नहीं छोड़ी है।

हालांकि, ली अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान जी20 के कुछ सदस्य देशों के अपने समकक्षों और आमंत्रित लोगों के साथ बैठकें कर सकते हैं। सम्मेलन के दौरान सभी की नजरें ली पर इस वजह से भी रहेंगी कि कहीं वह सप्ताहांत में जी-20 के सत्रावसान में  इस बात पर कोई आपत्ति जताते हैं या नहीं जिसका बीजिंग पहले ही विरोध कर चुका है। बता दें कि टूरिज्म पर जम्मू-कश्मीर में जी-20 देशों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक पर पाकिस्तान और चीन आपत्ति जता चुका है।

अभी हाल ही में चीन नए मानक मानचित्र जारी करने पर भारत समेत कई देशों के निशाने पर रहा है। ताइवान, इंडोनेशिया और जापान समेत अन्य देशों ने चीन के नए मानचित्र पर आपत्ति जताई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *