TTP ने तालिबानी स्टाइल में पाक सेना पर किया हमला, लादेन के गढ़ से गिलगित तक कब्जा…
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले पर सैकड़ों की तादाद में हमला करने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकियों ने बहुत बड़ा प्लान बनाया था। इन टीटीपी आतंकियों ने अपने आका तालिबान की तर्ज पर पाकिस्तानी इलाकों में हमला किया था। टीटीपी ने इस बार चित्राल में हमला बोला जहां अब तक शांति थी। पाकिस्तान का चित्राल जिला अफगानिस्तान के कुनार, नूरीस्तान और बदख्शान इलाके से बिल्कुल सटा हुआ है। चित्राल वही इलाका है जहां पर कहा जाता है कि अफगानिस्तान से भागकर आने के बाद अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन कुछ समय के लिए छिपा हुआ था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक टीटीपी सरगना नूर वली मेहसूद की योजना पीओके गिलगित तक हमला करने की थी।
कैसे शुरू हुआ झगड़ा?
दोनों देशों के बीच जमकर गोलीबारी हुई. दरअसल, तालिबान सरकार सीमा पर अपनी तरफ एक बंकर बनवा रही है. ये बंकर ऊंची पहाड़ी पर बन रहा है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देते हुए बंकर के कंस्ट्रक्शन का काम रोकने की अपील की थी.
हालांकि, तालिबान सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया और कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहा. इस कारण विवाद इतना बढ़ गया कि गोलियां चल गईं.
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान उस इलाके में चेक पोस्ट बना रहा है, जहां पहले ही इस बात पर बनी है कि दोनों देश उस जगह पर चेक पोस्ट नहीं बनाएंगे.
किसने शुरू की गोलीबारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर बातचीत भी हुई थी, लेकिन इसका कुछ नतीजा नहीं निकला.
पाकिस्तानी अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बुधवार को अचानक अफगानिस्तान के सैनिकों ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी.
उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान की ओर से कई मोर्टार दागे गए. एक मोर्टार मस्जिद पर भी गिरा और दूसरा बाचा मेना गांव में गिरा. हालांकि, इससे कोई हताहत नहीं हुआ. पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया कि अफगानी सैनिकों ने तीन घंटे तक गोलीबारी की.
काफी अहम है तोरखम बॉर्डर
भयंकर गोलीबारी के बाद तोरखम बॉर्डर को सील कर दिया गया है. तोरखम बॉर्डर दोनों देशों के बीच कारोबार का मुख्य इलाका है.
तोरखम बॉर्डर से ही दोनों देशों के लोग आना-जाना करते हैं. यहां ज्यादातर पश्तुन आबादी है, जो हर रोज बॉर्डर पार करते हैं.
तोरखम बॉर्डर पर बनी मुख्य सड़क पाकिस्तान और अफगानिस्तान को जोड़ती है. इसी बॉर्डर के जरिए पूरे दिन सामान ढोने का काम चलता रहता है. ट्रकों की आवाजाही होती रहती है.
तालिबान की तरह से पाकिस्तानी सेना पर हमला
अब चित्राल हमले से तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनाव और भड़क सकता है। यही नहीं जिस दिन टीटीपी ने हमला किया था, ठीक उसी दिन तालिबान ने तोर्खम सीमा पर एक और चौकी बनाने की कोशिश की। पाकिस्तानी सेना ने जब इसका विरोध किया तो दोनों के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। तोर्खम सीमा दो दिन से बंद है। इस बीच टीटीपी सरगना ने ऐलान किया है कि पाकिस्तान पर तब तक हमले जारी रहेंगे जब तक कि देश में शरिया कानून लागू नहीं हो जाता है। टीटीपी का कहना है कि यह वर्तमान लोकतंत्र छलावा है और अफगानिस्तान की तरह ही शरिया कानून पाकिस्तान में लागू होगा।
अफगानिस्तान के चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी का मानना है कि टीटीपी आतंकी ठीक उसी तरह से हमले कर रहे हैं जिस तरह से साल 2018 में तालिबान ने अशरफ गनी की सेना पर हमला करना शुरू किया था। टीटीपी आतंकी कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना को फंसाकर रख रहे हैं और फिर एक दूसरी जगह पर जोरदार हमला कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि तालिबानी आतंकी अब बड़ी तादाद में टीटीपी में शामिल हो रहे हैं। कई विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के भारत से भी बड़ा खतरा अब टीटीपी के आतंकी हैं।