September 27, 2024

नियमों को ताक पर रख झालाना लेपर्ड रिजर्व में हुई निजी पार्टी, बनाया अस्थाई किचन

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जयपुर

जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से प्राइवेट पार्टी का आयोजन किया गया।जयपुर के लग्जरी होटल लीला पैलेस की ओर से गुरुवार को आयोजित इस पार्टी में नियमों को ताक पर रख सफारी एरिया में बनी शिकार ओदी में अस्थाई किचन तैयार किया गया और खास मेहमानों को कई तरह के पकवान परोसे गए।

जैसे ही झालाना की शिकार ओदी का वीडियो वन्य जीव प्रेमियों के सामने आया तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद आनन-फानन में वन विभाग ने भी इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

खास मेहमानों के लिए तैयार किया किचन
झालाना कंजर्वेशन रिजर्व के सफारी एरिया में बनी शिकार ओदी में खास मेहमानों के लिए चाय, नाश्ते और फ्रूट्स के साथ ही लाइव (अस्थाई) किचन भी तैयार किया गया, जहां वेटर और स्टाफ खास मेहमानों की मेहमान नवाजी में व्यस्त नजर आए। वहीं वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंद कर बैठे रहे।

अधिकारियों की मिलीभगत से हुई प्राइवेट पार्टी
स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य सुनील मेहता ने झालाना में हुई लापरवाही को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा- जिस जगह खाने-पीने का सामान तक ले जाने की अनुमति नहीं है, वहां पर एक होटल की ओर से बुफे सिस्टम डेवलप किया गया। किचन तैयार किया और वेटर लगाए गए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आंख मूंद बैठे रहे, क्योंकि उन लोगों की मिलीभगत से यह प्राइवेट पार्टी हुई है। इसकी शिकायत मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी करूंगा।

मेहता ने बताया कि पिछले कुछ समय से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिल कर कुछ बाहरी लोग झालाना को खत्म करने में लगे हैं। यहां पर न सिर्फ अवैध रूप से पार्टी का आयोजन किया जा रहा है, बल्कि नियमों के खिलाफ दर्जनों की संख्या में गाड़ियों का संचालन भी होता है। इन लोगों के खिलाफ कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा- इससे पहले भी झालाना में कई तरह की अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। कई गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी कोई व्यापक कार्रवाई नहीं हुई। पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट हो चुका है। नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार का पैसा पहुंच रहा है, जिससे झालाना बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुका है। अगर सरकार समय पर नहीं जागी तो वन और वन्य जीव, दोनों के लिए हालात और खतरनाक हो सकते हैं।

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