October 1, 2024

एशिया कप फाइनल में जगह बनाने के लिए एक दूसरे का सामना करेंगे पाकिस्तान और श्रीलंका

0

कोलंबो
चोटों से जूझ रहा पाकिस्तान और अपने कुछ खिलाड़ियों के उत्साहजनक प्रदर्शन से आत्मविश्वास हासिल करने वाला श्रीलंका एशिया कप एकदिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने के लिए गुरुवार को यहां एक दूसरे का सामना करेंगे।

पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों के दो-दो अंक हैं और इस तरह से गुरुवार को होने वाला मैच एक तरह से नॉकआउट मैच बन गया है जिसमें जीत दर्ज करने वाली टीम 17 सितंबर को होने वाले फाइनल में जगह बनाएगी।

भारत मंगलवार को सुपर चार के मैच में श्रीलंका को 41 रन से हराकर पहले ही फाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुका है। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम अभी चार अंक लेकर शीर्ष पर है। पाकिस्तान की टीम चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रही है और पूरी संभावना है कि उसके प्रमुख तेज गेंदबाज हारिस रऊफ और नसीम शाह श्रीलंका के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाएंगे।

पाकिस्तान ने इन दोनों खिलाड़ियों के बैकअप के रूप में शाहनवाज दहानी और जमान खान को टीम से जोड़ा है। बाईस वर्षीय जमान 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में सक्षम हैं।

पाकिस्तान की चिंता केवल चोटिल खिलाड़ियों को लेकर ही नहीं है। उसके बल्लेबाज भी अभी तक टूर्नामेंट में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उसकी टीम ने मुल्तान में एशिया कप के पहले मैच में नेपाल के खिलाफ छह विकेट पर 342 रन बनाए थे लेकिन इसके बाद उसके बल्लेबाज बड़ा स्कोर बनाने के लिए जूझते रहे।

बल्लेबाजी में पाकिस्तान की टीम काफी हद तक दोनों सलामी बल्लेबाजों फखर जमां और इमाम-उल-हक तथा कप्तान बाबर आजम पर निर्भर है। अगर उसे श्रीलंका के खिलाफ जीत दर्ज करनी है तो मोहम्मद रिजवान और सलमान आगा जैसे बल्लेबाजों को भी उपयोगी योगदान देना होगा।

इफ्तिखार अहमद ने नेपाल के खिलाफ शतक जड़कर लंबे शॉट खेलने की अपनी काबिलियत का अच्छा नमूना पेश किया था लेकिन उन्हें मजबूत टीमों के खिलाफ अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने की जरूरत है।

श्रीलंका एक ऐसी ही मजबूत टीम है जो पाकिस्तान को कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार है। लीग चरण में पाकिस्तान ने श्रीलंका को सात विकेट से हराया था लेकिन अतीत का परिणाम गुरुवार को होने वाले मैच में खास मायने नहीं रखेगा।

बांग्लादेश को हराने और भारत को कड़ी चुनौती पेश करने के बाद श्रीलंका ने दिखा दिया है कि अपने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद उसकी टीम अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है।

टूर्नामेंट शुरू होने से पहले श्रीलंका के प्रमुख खिलाड़ी वानिंदु हसरंगा, दुष्मंथा चमीरा और लाहिरू कुमारा चोटिल होने के कारण बाहर हो गए थे। इसके बाद श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपनी युवा टीम उतारनी पड़ी। लेकिन डुनिथ वेलालगे, मथीशा पथिराना और महेश तीक्ष्णा ने प्रभावशाली प्रदर्शन करके टीम को खिताब का दावेदार बना दिया।

श्रीलंका की टीम अपने तेज गेंदबाजों विशेषकर कासुन रजिता से प्रदर्शन में निरंतरता चाहेगी। रजिता ने अभी तक चार मैचों में इतने ही विकेट लिए हैं लेकिन उन्होंने लगभग छह रन प्रति ओवर की दर से रन दिए हैं।

श्रीलंका के स्पिनरों ने भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था और उसकी टीम फिर से उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करेगी। पिच से भी स्पिनरों को मदद मिल रही है और ऐसे में दोनों टीमों के धीमी गति के गेंदबाजों की भूमिका अहम हो जाएगी।

टीम इस प्रकार हैं:

पाकिस्तान: बाबर आजम (कप्तान), अब्दुल्ला शफीक, फखर जमां, इमाम-उल-हक, सलमान अली आगा, इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद हारिस, शादाब खान, मोहम्मद नवाज, उसामा मीर, फहीम अशरफ, हारिस रऊफ, मोहम्मद वसीम जूनियर, नसीम शाह, शाहीन अफरीदी, सऊद शकील, तय्यब ताहिर (ट्रिजर्व)। शाहनवाज दहानी, ज़मान खान (घायल हारिस रऊफ और नसीम शाह के बैकअप)।

श्रीलंका: दासुन शनाका (कप्तान), पथुम निसानाका, दिमुथ करुणारत्ने, कुसल जेनिथ परेरा, कुसल मेंडिस (उप-कप्तान), चैरिथ असलांका, धनंजय डी सिल्वा, सदीरा समरविक्रमा, महीश तीक्ष्णा, डुनिथ वेलालगे, मथीशा पथिराना, कासुन राजिथा, दुशान हेमंथा, बिनुरा फर्नांडो, प्रमोद मदुशन।

मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद तीन बजे शुरू होगा।

 

मैं बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों भूमिकाओं के लिए तैयार था : राहुल

कोलंबो
चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले केएल राहुल ने कहा कि उन्हें भारतीय टीम के अंतिम एकादश में जगह मिलने की उम्मीद थी तथा वह बल्लेबाज और विकेटकीपर की भूमिकाओं को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे।

राहुल ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ सुपर चार के मैच में वापसी की और नाबाद 111 रन बनाए। यह मार्च के बाद भारत की तरफ से उनका पहला मैच था। इसके बाद उन्होंने विकेटकीपर का जिम्मा भी संभाला। श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में भी उन्होंने दोनों भूमिकाएं बखूबी निभाई।

राहुल ने भारत की श्रीलंका के खिलाफ 41 रन की जीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं पिछले दो मैचों में अपने प्रदर्शन से खुश हूं। शुरू में मैं थोड़ा नर्वस था लेकिन कुछ गेंदों का सामना करने के बाद मैं अच्छा महसूस करने लगा था।''

राहुल ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन के दौरान कड़ी मेहनत की थी जिससे उन्हें सफल वापसी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि मुझे अंतिम एकादश में जगह मिल जाएगी और मैंने उसी तरह से तैयारी की थी। मुझे पूरा विश्वास था कि मैं टीम की तरफ से अपनी भूमिकाओं को अच्छी तरह से निभा सकता हूं।''

इस 31 वर्षीय खिलाड़ी को टीम प्रबंधन ने स्पष्ट तौर पर बता दिया था कि उन्हें मध्यक्रम के बल्लेबाज के साथ ही विकेटकीपर की भूमिका भी निभानी होगी। राहुल ने कहा, ‘‘टीम प्रबंधन ने मुझे मेरी भूमिकाओं के बारे में बता दिया था कि मुझे मध्यक्रम में बल्लेबाजी करनी होगी और विकेटकीपर की भूमिका भी निभानी होगी।''

राहुल ने कहा कि टीम प्रबंधन के स्पष्ट संदेश के बाद उन्होंने एनसीए में विकेटकीपिंग का भी पर्याप्त अभ्यास किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले दो वर्षों से विकेटकीपर की भूमिका निभा रहा हूं। इसलिए मेरे लिए यह नई चीज नहीं है। मैंने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेटकीपिंग शुरू की थी जब ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे। एनसीए में कोच के साथ मैंने अपनी विकेटकीपिंग पर भी काम किया था। उम्मीद है कि मैं अपनी दोनों भूमिकाओं को अच्छी तरह से निभाता रहूंगा।''

राहुल ने इस साल वनडे में भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले कुलदीप यादव की प्रशंसा भी की जिन्होंने अपनी तकनीक में कुछ बदलाव के बाद बेहतर गेंदबाज के रूप में वापसी की है। राहुल ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में उसकी गेंदबाजी का पूरा आनंद ले रहा हूं। उसने अपनी गेंदबाजी में कुछ बदलाव किए हैं जिससे उसको अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। हम खेल के बीच में बल्लेबाज को आउट करने की रणनीति को लेकर बात करते रहते हैं। पिछले दोनों मैचों में उसकी लय भी शानदार थी।''

 

मेरा फोकस विकेट नहीं, सही लेंथ पर गेंदबाजी करना है : कुलदीप

कोलंबो
 बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव का इस साल वनडे में शानदार प्रदर्शन एशिया कप-2023 में भी कायम है। बारिश से प्रभावित सुपर 4 मैच में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ कुलदीप ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

सुपर-4 मैच में पहले पाकिस्तान के खिलाफ (5-25) और फिर श्रीलंका के खिलाफ (4-43) के आंकड़े कुलदीप यादव की शानदार फॉर्म की गवाही दे रहे हैं। पिछले साल घुटने की चोट से वापसी करने के बाद कुलदीप ने अपने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय विकेट हासिल करने से लेकर सही लेंथ पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचने की मानसिकता को बदलने को दिया।

कुलदीप ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान बताया कि सर्जरी के बाद फिजियो ने उनसे कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मेरे घुटने पर भार नहीं पड़ना चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आगे चीजें कैसी रहेगी। लेकिन अब सब ठीक है।

कुलदीप ने कहा, "6-7 महीनों के बाद मुझे अपनी उचित लय मिल गई और अब गेंदबाजी करना आसान हो गया है। एक स्पिनर जितनी अधिक गेंदबाजी करेगा, उसे उतना अधिक अनुभव मिलेगा। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अब विकेट लेने के बारे में बहुत कुछ है। मैं इस बारे में अधिक सोचता हूं कि मेरी गेंदबाजी की लेंथ सही होनी चाहिए।"

कुलदीप ने यह भी बताया कि बाएं हाथ या दाएं हाथ के बल्लेबाज के खिलाफ उनका गेम प्लान क्या रहता है। उन्होंने कहा, "मैं अच्छी लेंथ की गेंदों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, चाहे वह लेफ्टी हो या राइटी और इसके साथ ही लाइन भी मायने रखती है। इसलिए मैं हमेशा बल्लेबाज को लॉक करने, स्टंप्स पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचता हूं, चाहे वह लेफ्टी हो या राइटी, उसे लॉक्ड रखने और स्टंप्स पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचता हूं।"

28 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत की टीम में ऑफ स्पिनर न होने पर भी अपनी बात रखी। कुलदीप ने कहा, "मैं खुद को एक ऑफ स्पिनर के रूप में नहीं सोचता। मैं खुद को एक लेग स्पिनर के रूप में सोचता हूं। एकमात्र चीज यह है कि मैं बाएं हाथ से गेंदबाजी करता हूं। मेरे पास वेरिएशन हैं और गुगली भी है। तो मुझे नहीं लगता कि आपको एक ऑफ स्पिनर रखने की जरूरत है। अगर आपकी टीम का संयोजन अच्छा है, तो आपको 3-4 स्पिनरों को खिलाने की जरूरत नहीं है। अगर आपके पास दो अच्छे स्पिनर हैं, तो यह काम कर सकता है।"

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *