October 1, 2024

पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नेताओं के टिकट नहीं है कन्फर्म

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भोपाल

टिकट के लिए पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले लगभग डेढ़ दर्जन नेताओं के टिकट पर यहां भी पार्टी के नेताओं के बीच में एक राय नहीं हो पा रही है। पार्टी बदल कर टिकट पाना और विधानसभा तक जाने का रास्ता अब इन नेताओं के लिए राहुल गांधी के साख माने जाने वाले सुनील कानूगोलू के सर्वे पर भी निर्भर हो गया है, हालांकि ऐनवक्त पर इनमें से कई को टिकट मिल जाएंगा, फिलहाल स्क्रीनिंग कमेटी में ऐसे नेताओं को टिकट दिए जाने का कई नेता विरोध कर चुके हैं।

विरोध के बाद भी मिल सकता है टिकट
भाजपा छोड़कर इस बार कांग्रेस में कई नामी चेहरे शामिल हुए हैं। कारण एक मात्र यही रहा कि उन्हें भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी, लिहाला उन्होंने विधानसभा तक पहुंचने के लिए कांग्रेस का हाथ थामा। इनमें कई ऐसे नाम हैं, जिन्हें कांग्रेस को हर हाल में टिकट देना ही होगा, भले ही कांग्रेस के दिग्गज नेता इन नेताओं को स्क्रीनिंग कमेटी में विरोध करें, लेकिन इनके बिना कांग्रेस का सत्ता के शिखर तक पहुंचना आसान नहीं होगा। ऐसे में इनमें से कई को तमात विरोध के बाद भी कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

निर्दलीय लड़े फिर सिंधिया के साथ चले गए समन्दर
इधर नीमच जिले के जावद विधानसभा सीट से टिकट की दौड़ में शामिल समन्दर पटेल ने विधासभा का पिछला चुनाव कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय लड़ा था। उन्हें तीस हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसके बाद वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, अब उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है। उन्हें उम्मीद है कि जावद से इस बार उन्हें ही कांग्रेस टिकट देगी। उनके नाम पर भी क्षेत्र के कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं। इसी तरह कोलारस के विधायक बीरेंद्र सिंह रघुवंशी ने 2018 में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था, अब वे फिर से कांग्रेस में आ गए हैं।

ये भी टिकट की आस में ही आए
बड़वानी जिले के आदिवासी नेता पूर्व सांसद माकन सिंह सोलंकी, सेवड़ा से पूर्व विधायक राधे श्याम बघेल, आष्टा के कमल सिंह चौहान, मुंगावली से यादवेंद सिंह चौहान, बालाघाट से अनुभा मुंजारे, निवाड़ी से रोशनी यादव, शिवपुरी से बैजनाथ सिंह यादव, दतिया से अवधेश नायक, सुरखी से राजकुमार धनौरा, वंदना बागरी सतना जिले से, चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू  राजा खुरई से टिकट की चाह में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसी तरह इछावर से मेघा परमार भी टिकट की इच्छा के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

दीपक, शेखावत, शर्मा को नजर अंदाज करना होगा मुश्किल
कांग्रेस में पिछले 6 महीने में लगभग 60 नेता शामिल हुए हैं। इनमें से अधिकांश भाजपा से आए हैं, जबकि कुछ बसपा और कुछ सपा से कांग्रेस में आए हैं। ऐसे ही दीपक जोशी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए। वे देवास जिले की हाटपिपल्या सीट से टिकट चाहते हैं। वे इस क्षेत्र के मजबूत लोगों में शुमार हैं। इसी तरह हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए भंवर सिंह शेखावत को भी पार्टी नजर अंदाज नहीं कर सकती है। वे धार जिले की बदनावर सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि उनको टिकट दिए जाने का विरोध क्षेत्र के कांग्रेस नेता कर रहे हैं। वहीं नर्मदापुरम जिले की दो सीटों पर टिकट की दावेदारी कर रहे गिरिजा शंकर शर्मा ने भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की है। शर्मा भी टिकट की आस में आए हैं। वे नर्मदापुरम या सुहागपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

 

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