November 30, 2024

एशियाई खेलों में दबाव से निपटना अहम होगा : शॉपमैन

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बेंगलुरू.

भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेक शॉपमैन का मानना है कि आगामी एशियाई खेलों में ‘प्रबल दावेदार’ के रूप में उतरने वाली उनकी टीम के लिए दबाव से निपटना महत्वपूर्ण होगा। शॉपमैन ने हॉकी इंडिया की पॉडकास्ट श्रृंखला ‘हॉकी ते चर्चा’ पर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एक व्यक्ति और एक टीम के रूप में खिलाड़ियों की जो मानसिकता है, उससे फर्क पड़ेगा। क्या हम दबाव में प्रदर्शन कर सकते हैं और हमारे सामने मौजूद परिस्थितियों से निपट सकते हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले कुछ महीनों में इस बारे में बात की है और तोक्यो ओलंपिक में कमजोर टीम के विपरीत प्रबल दावेदार होने का क्या मतलब है।’’

कोच ने कहा, ‘‘हमने इस टीम से अपेक्षाओं के बारे में बात की है। हमने यह भी बताया है कि वहां कौन से खतरे हैं जो ध्यान भटका सकते हैं और हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं और हम उनसे कैसे निपट सकते हैं।’’ नीदरलैंड की इस कोच ने कहा कि अगर उनकी टीम अपनी क्षमता से खेलती है तो हांगझोउ में स्वर्ण पदक जीत सकती है और अगले साल के पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई कर सकती है।

शॉपमैन ने कहा, ‘‘यात्रा का आनंद लेना भी महत्वपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि हम जीतेंगे, मुझे लगता है कि हम जीत सकते हैं लेकिन यह जीवन है और शायद ऐसा नहीं हो।’’ भारत को एशियाई खेलों के पूल ए में दक्षिण कोरिया, मलेशिया, हांगकांग और सिंगापुर के साथ रखा गया है जबकि जापान, चीन, थाईलैंड, कजाखस्तान और इंडोनेशिया को पूल बी में रखा गया है।

भारत 27 सितंबर को सिंगापुर के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद 29 सितंबर को मलेशिया, एक अक्टूबर को दक्षिण कोरिया और तीन अक्टूबर को हांगकांग से भिड़ेगा। नीदरलैंड के साथ खिलाड़ी के रूप में ओलंपिक और विश्व कप में स्वर्ण पदक जीत चुकी शॉपमैन 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम की कोच थीं।

पिछले साल जब भारतीय टीम ने शुरुआती एफआईएच नेशंस कप में स्वर्ण पदक जीता था तब भी वह टीम का मार्गदर्शन कर रहीं थी। शॉपमैन को हालांकि एशियाई खेलों के दबाव का अनुभव नहीं हैं और वह चुनौती का सामना करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह एशियाई खेलों में हिस्सा लेने का मेरा भी पहला मौका है। मैं इस बात पर जोर देने की कोशिश करती हूं कि आप या तो हर टूर्नामेंट में यह मानकर उतर सकते हैं कि यह सबसे महत्वपूर्ण है या यह मानते हुए कि यह सिर्फ एक अन्य टूर्नामेंट है।’’

शॉपमैन ने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसी टूर्नामेंट में पहली बार खेल रहे हैं या आखिरी बार – मायने यह रखता है कि आप अभी यहां हैं और आपको मौके का पूरा फायदा उठाना है और उन्हें भुनाना है। एक टीम के तौर पर हम ऐसा करने का ही प्रयास करते हैं।’’ शॉपमैन ने एशियाई खेलों के लिए टीम चयन का बचाव भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘18 खिलाड़ियों को चुनते समय हम सिर्फ सबसे अधिक मुकाबले खेलने वाली खिलाड़ियों को नहीं चुन सकते। मैं टीम को देखने की कोशिश करती हूं और यह देखने की कोशिश करती हूं कि प्रत्येक व्यक्ति क्या दे सकता है और वे एक-दूसरे के पूरक कैसे बन सकते हैं।’’ कोच ने कहा, ‘‘कुछ जूनियर खिलाड़ियों ने पिछले कुछ महीनों में जबरदस्त सुधार किया है और इसलिए टीम का हिस्सा बन गई हैं।’’

 

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