25 से 29 सितंबर तक जन आशीर्वाद यात्रा में निकलेंगे CM गहलोत, 13 जिलों से गुजरेगी
जयपुर
पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट ( ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की केंद्र सरकार से मांग के मुद्दे पर 25 से 29 सितंबर तक सीएम अशोक गहलोत जन आशीर्वाद यात्रा निकालने जा रहे हैं। पूर्वी राजस्थान नगर क्षेत्र के 13 जिलों में यह यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें 200 में से 86 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस जन आशीर्वाद यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस विधानसभा चुनाव में वोट मांगेगी। पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति बीजेपी से काफी मजबूत रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में चार जिलों में भाजपा अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी। 25 से 29 सितंबर तक इन 13 जिलों में कई कार्यक्रम होंगे। पांच दिन तक कांग्रेस लगातार जनजागरण और पदयात्राएं करेगी।
इनमें अलवर, करौली, जयपुर, अजमेर, बारां, भरतपुर, दौसा, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और धौलपुर जिले शामिल हैं। अबकी बार फिर पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी के बूते लीड लेने की तैयारी करते हुए कांग्रेस ने बड़ी रणनीति बनाई है।
रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की हैदराबाद बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पार्टी की टॉप लीडरशिप के समक्ष इस जन आशीर्वाद यात्रा का प्रजेंटेशन भी दिया। सूत्र बताते हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह ने बैठक में कहा कि भाजपा बेहद आक्रामक तरीके से चुनाव पर फोकस कर रही है।
अलवर में भाजपा के करीब 19 वरिष्ठ नेता दौरा कर चुके हैं। जबकि हमारे यहां ऐसा नहीं होता। हमारे वरिष्ठ नेताओं के भी अधिक से अधिक दौरे होने चाहिए। पूर्वी राजस्थान में पांच दिन निकलने वाली जन आशीर्वाद यात्रा का आगाज जयपुर या दौसा से किया जाएगा। जिसमें सीएम गहलोत, पीसीसी चीफ डोटासरा, प्रभारी रंधावा, मंत्री, विधायकों के साथ पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता में शामिल होंगे। इसका समापन अजमेर में करने की तैयारी फिलहाल चल रही है।
जन आशीर्वाद यात्रा के लिए हाईटेक रथ तैयार किया जा रहा
पांच दिन निकलने वाली जन आशीर्वाद यात्रा के लिए हाईटेक रथ तैयार किया जा रहा है। जिसमें सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी के डोटासरा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत कई अन्य नेता मौजूद रहेंगे। यात्रा के दौरान अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता सरकार के कामकाज का बखान करेंगे और ईआरसीपी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए नजर आएंगे।
हाईकमान ने सीएम अशोक गहलोत पर छोड़ा सरकार रिपीट करने का दारोमदार
राजस्थान में कांग्रेस सरकार की वापसी के लिए कांग्रेस हाई कमान ने पूरा दारोमदार सीएम अशोक गहलोत के ऊपर ही छोड़ दिया है। अशोक गहलोत खुद सरकार रिपीट करने के लिए रणनीति फाइनल कर रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत के पास बहुत लंबा राजनीतिक अनुभव है। वह तीन बार के मुख्यमंत्री हैं। संगठनात्मक रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री भी रहे हैं। पूर्व में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, सांसद और केंद्रीय मंत्री भी गहलोत रह चुके हैं।
यहां कई राज्यों में चुनी हुई कांग्रेस सरकारें गिर गईं और वहां के कांग्रेसी मुख्यमंत्री देखते रह गए। वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने अपनी कूटनीति, गहरी राजनीतिक समझ, विधायकों, कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ के बूते अपनी सरकार को बचाए रखा है। इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने सीएम गहलोत के ऊपर ही राजस्थान की कमान छोड़ी है। साथ ही अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान कांग्रेस सरकार की योजनाओं और पॉलिसी को आगे रखा जाएगा। जिसके आधार पर वोट मांगे जाएंगे।