September 28, 2024

मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द देगी गुड न्यूज, DA बढ़ने से इतनी पहुंच जाएगी सैलरी

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नई दिल्ली
 केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए गुड न्यूज है। सरकार जल्दी ही उनके महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी कर सकती है। इस बार इसमें तीन फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है। अभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 42 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। अगर इसमें तीन फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी तो यह 45 परसेंट पहुंच जाएगा। केंद्र सरकार समय-समय पर अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनर्स की महंगाई राहत (DR) में बढ़ोतरी करती है। इसे साल में दो बार यानी जनवरी और जुलाई में महंगाई के हिसाब से संशोधित किया जाता है। इससे पहले जनवरी में डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (CPI-IW) के आधार पर की जाती है। इसके लिए एक तय फॉर्मूला है। पिछले 12 महीने के लिए एवरेज CPI-IW 382.32 है। इस फॉर्मूला के मुताबिक डीए 46.24 परसेंट होगा। पिछली बार यह 42.37 परसेंट था। इस हिसाब से देखें तो एक जुलाई, 2023 में डीए में 3.87 परसेंट की बढ़ोतरी होगी। सरकार दशमलव बिंदु से अधिक डीए बढ़ाने पर विचार नहीं करती है। इस प्रकार डीए तीन प्रतिशत अंक बढ़कर 45 फीसदी होने की संभावना है। पिछले साल 28 सितंबर को डीए बढ़ाने की घोषणा की गई थी।

कितनी बढ़ जाएगी सैलरी
ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम डीए में चार परसेंट बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार इसे मान लेती है तो केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़कर 46 परसेंट हो जाएगा। अगर किसी कर्मचारी को हर महीने 36,500 रुपये बेसिक पे मिलती है तो अभी उसका डीए 15,330 रुपये है। अगर जुलाई 2023 से डीए में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है तो उनका डीए 1,095 रुपये बढ़कर 16,425 रुपये हो जाएगा। साथ में जुलाई से एरियर भी मिलेगा।

18 महीने का बकाया
केंद्र सरकार ने कोरोना काल में अपने कर्मचारियों को 18 महीने यानी एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच डीए का भुगतान नहीं किया। इसी तरह पेंशनर्स को भी इस अवधि के दौरान महंगाई राहत यानी डीआर (DR) का पेमेंट नहीं किया गया। इसका मकसद सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करना था। इस फैसले के कारण सरकार को 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई थी। कर्मचारी लंबे समय से इसके भुगतान की मांग कर रहे थे। लेकिन आज सरकार ने साफ कर दिया कि इसका भुगतान नहीं किया जाएगा। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी।

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