150 साल बाद बन रहा संतान सप्तमी और राधाअष्टमी का विशेष संयोग
भोपाल
राजधानी में आज और कल दो दिन संतान सप्तमी मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्याें के अनुसार हर साल संतान सप्तमी भाद्रमाह के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथी को मनायी जाती है। इस साल 22 सितंबर को संतान सप्तमी को व्रत रखा जाएगा। दिन शुक्रवार रहने के कारण इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
इसी दिन राधाअष्ट्मी भी पड़ रही है, ऐसा संयोग 150 सालों पहली बार बन रहा है। हालांकि कुछ जगह गुरुवार को भी महिलाएं संतान सप्तमी की पूजा और व्रत कर रही हैं। दरअसल, संतान सप्तमी की शुरुआत गुरुवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से हो रही है, वहीं इसका समापन अगले दिन 22 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार संतान सप्तमी का व्रत 22 सितंबर को रखा जाएगा। वहीं पूजा करने का शुभ मुहूर्त पहले सुबह 5 बजकर 22 मिनट से सुबह 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
इसके साथ ही शाम में 06 बजकर 09 मिनट से लेकर 08 बजकर 43 मिनट तक लड्डू गोपाल की पूजा होगी। हिन्दू धर्म में संतान सप्तमी पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। संतान सप्तमी के दिन महिलाएं अपने बच्चे की लम्बी उम्र और तरक्की के लिए व्रत रखकर भगवान सूर्य ओर लड्डू गोपाल की पूजा अराधना करती हैं। साथ ही संतान प्राप्ति के लिये यह व्रत रखने से मनोकामना पूर्ण होती है।