इंडियन नेवी अब समंदर में भी चीन की धाक को करेगी खत्म, नौसेना ले रही है 27 घातक पनडुब्बियां
नईदिल्ली
चार परमाणु हमलावर पनडुब्बियां… भारतीय नौसेना अपनी पारंपरिक पनडुब्बियों के साथ चार परमाणु हमलावर पनडुब्बियों को शामिल करेगी. भारत की सबसे शानदार पनडुब्बियों में से है अरिहंत क्लास बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन. इसमें चार पनडुब्बियां है. दो सर्विस में हैं. एक हाल ही लॉन्च हुई है. एक बन रही है. ये 6 से 7 टन डिस्प्लेसमेंट वाली सबमरीन हैं.
अरिहंत क्लास की सबमरीन में INS अरिहंत और INS अरिघट शामिल हैं. अगली 2024 में सेना में शामिल होगी. आखिरी 2025 में. चारों ही परमाणु ईंधन संचालित पनडुब्बियां है. चारों में 12 से 24 K15 SLBM, 6 से 8 K-4 SLBM, 6 टॉरपीडो ट्यूब्स और 30 चार्जेस होंगे.
ये पनडुब्बियां पानी के अंदर 44 km/hr की स्पीड से चलती हैं. जबकि सतह पर 22 से 28 km/hr. अधिकतम 300 मीटर की गहराई तक जा सकती हैं. इन्हें भारतीय नौसेना ने स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक न्यूक्लियर सबमरीन बुलाती है.
तीन S5 क्लास की बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन बनेंगी. ये 13,500 टन डिस्प्लेसमेंट की होंगी. ये भी परमाणु ईंधन से चलेंगी. इनमें 12 से 16 K6 MIRVed SLBM मिसाइलें लगी होंगी. जिनकी रेंज 10 से 12 हजार KM होगी. इसके अलावा 5 से 6 हजार KM वाली K-5 SLBM मिसाइलें लगाई जाएंगी.
प्रोजेक्ट 75A के तहत छह न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन बनाने की तैयारी है. ये छह हजार टन की पनडुब्बियां होंगी. तीन पनडुब्बियां इस साल बनेंगी. तीन 2024 में बनेंगी. ये पनडुब्बियां 2032 में नौसेना में शामिल होंगी. इनमें वरुणास्त्र हैवी वेट टॉरपीडो होंगे. निर्भय, ब्रह्मोस और ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक लैंड अटैक और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें लगी होंगी.
कलवारी क्लास की 6 अटैक सबमरीन प्लान में थीं. पांच सेवा में है. एक लॉन्च हो चुकी है. जल्द ही उसे भी शामिल कर लिया जाएगा. इस साल के अंत तक छठी पनडुब्बी भी नौसेना में शामिल हो जाएगी. इन पनडुब्बियों का डिस्प्लेसमेंट 1800 टन है. ये डीजल इंजन से चलने वाली पनडुब्बियां है. पानी के अंदर अधिकतम गति 37 किमी प्रतिघंटा होती है.
इसके अलावा इनकी रेंज 12 हजार किलोमीटर है. ये 50 दिनों तक पानी के अंदर 350 मीटर में रह सकती हैं. इन पनडुब्बियों में 8 अधिकारी और 35 सेलर होते हैं. इनमें 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते हैं. इसके अलावा SM.39 Exocet एंटी-शिप मिसाइल, A3SM एंटी- एयर मिसाइल और 30 बारूदी सुरंगें बिछाने की ताकत है. इनमें कलवारी, खंडेरी, करंज, वेला, वागीर सर्विस में हैं. वागशीर लॉन्च हुई है. जल्द सेना में शामिल होगी.
प्रोजेक्ट 75I क्लास में छह अटैक सबमरीन प्लान में हैं. ये 3 से 4 हजार टन डिस्प्लेसमेंट की पनडुब्बियां होगी. इन्हें मझगांव डॉक में बनाया जाएगा. इनका इस्तेमाल एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, आईएसआर, स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेस के लिए किया जाएगा. ये डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली पनडुब्बियां हैं. प्रोजेक्ट 76 क्लास के तहत भी 6 अटैक सबमरीन बनाई जाएंगी. इनकी डिजाइनिंग हो रही है.
मिडगेट सबमरीन क्लास में स्विमर डिलिवरी व्हीकल होते हैं. ये 150 टन की बौनी पनडुब्बियां होती हैं. इनका इस्तेमाल नौसेना की स्पेशल कमांडो फोर्स MARCOS करेगी. ताकि स्पेशल ऑरपरेशंस को चुपचाप आसानी से पूरा किया जा सके. ऐसी दो बौनी पनडुब्बियां बनाने की योजना है.