गैंगस्टर विकास का जेल ट्रांसफर मामले में अब अधिकारी पर एक्शन की तैयारी
हजारीबाग
जेल से अपराध पर लगाम कसने के लिए कुख्यात अपराधियों का जेल ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन जेल अधिकारियों की मदद के कारण बड़े अपराधी जेल से गिरोह का संचालन करते हैं। ऐसा ही मामला हजारीबाग से सामने आया है। पूरे मामले की समीक्षा के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। अब इस मामले में जांच में संदिग्ध भूमिका वाले जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर पर कार्रवाई की तैयारी है।
रामगढ़ समेत कोयलांचल में प्रभावशाली गैंगस्टर विकास तिवारी को हजारीबाग के जेल अधीक्षक के द्वारा कागजों में मदद पहुंचाने की बात कही जा रही है। हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने 16 मई को एक पत्र हजारीबाग डीसी को लिखा था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि हजारीबाग के कुख्यात अपराधी विकास तिवारी और अमन सिंह प्रशासनिक आधार पर केंद्रीय कारा में बंद हैं। जिसके कारण कारा में गैंगवार या अप्रिय घटना की आशंका है।
इसी पत्र में जेल अधीक्षक ने लिखा कि कक्षपालों की घोर कमी के कारण इन अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में गैंगवार जैसी वारदात को रोकने में कारा प्रशासन को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इन परिस्थितियों को आधार बताते हुए जेल अधीक्षक ने दोनों अपराधियों विकास तिवारी व अमन सिंह को हजारीबाग केंद्रीय कारा से हटाने की सिफारिश डीसी से की थी।
समीक्षा के दौरान सामने आया तथ्य, अब कार्रवाई की तैयारी
राज्य में संगठित आपराधिक गिरोहों, उनके सदस्य व मददगारों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जेल में बंद अपराधियों की गतिविधियों के साथ-साथ जेल में उनके मददगारों का आंकड़ा भी तैयार किया जा रहा है। पड़ताल के दौरान आला पुलिस अधिकारियों ने यह मामला पकड़ा। साथ ही इसकी जानकारी दी। अब इस मामले में राज्य सरकार से पत्राचार किया जाना है।
हलफनामा में जेल में विकास का आचरण संतोषजनक
जेल अधीक्षक के पत्र के बाद हजारीबाग जेल से विकास तिवारी को प्रशासनिक आधार पर हटाने की योजना बनायी गई थी, ताकि आपराधिक वारदातों पर लगाम लगाई जा सके। वहीं बाद में इस मामले में जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया। इस हलफनामे में जेल अधीक्षक ने लिख दिया कि विकास तिवारी का आचरण हजारीबाग कारा में संतोषजनक रहा है। इसी आधार पर हजारीबाग जेल से विकास तिवारी के तबादले पर रोक लगा दी गई।
जेल अधीक्षक ने कोर्ट में दिए सर्टिफिकेट में यह भी लिखा कि विकास तिवारी को 22 सितंबर 2020 को उम्रकैद की सजा सुनायी गई थी। अंडर ट्रायल के तौर पर पांच साल एक महीने 18 दिन व सजा मिलने के बाद वह दो साल सात माह 28 दिन जेल में रहा है। इस दौरान कुल सात साल नौ माह 16 दिन वह हजारीबाग जेल में रहा। इस पूरी अवधि में जेल अधीक्षक ने विकास तिवारी के आचरण को संतोषजनक बताया।
हथियार का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा
चुटिया पुलिस ने जमीन के नाम पर ठगी आरोपी नवीन केरकेट्टा का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। चुटिया पुलिस ने एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा से इसकी अनुसंशा की है। इस संबंध में चुटिया पुलिस की ओर से एसएसपी को पत्र दिया गया है।
पत्र में जिक्र किया गया है कि नवीन केरकेट्टा के पास दो हथियार है,उसका उपयोग वह जमीन के कारोबार में कर सकता है। जिससे खूनी संघर्ष की आशंका है,उसे देखते हुए उसके दोनों हथियारों का लाइसेंस रद्द कर हथियार जब्त करने की अनुमति दी जाये, ताकि भविष्य में होने वाले अपराध पर अंकुश लगाया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि चुटिया के नवीन पर पहले भी कइ मामले दर्ज हैं।