ईवी की बिक्री को नहीं मिल रही गति
नई दिल्ली
इस महीने की शुरुआत में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गर्व से भारत में फलते-फूलते इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण उद्योग के बारे में बताया था।
उन्होंने अब तक 30 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचने को उपलब्धि करार देते हुए इसमें 600 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों की भूमिका पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि साल 2030 तक बर साल 1 करोड़ से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होगी।
देश में शांति से हो रही ईवी क्रांति काफी प्रशंसनीय है मगर आंकड़ों के पीछे की कहानी आशाजनक नहीं है।
सूत्रों से पता चलता है कि देश में 640 कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बनाती हैं। लेकिन 345 कंपनियों ने बताया कि उन्होंने 100 से कम गाडिय़ां बेची हैं।
इसके विपरीत, सड़क परिवहन एवं वाहन राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डैशबोर्ड पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023 से 10 लाख वाहनों की बिक्री में शीर्ष 20 कंपनियों की 70 फीसदी हिस्सेदारी रही।
460 कंपनियां इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन बनाती है यानी उद्योग के कुल 640 विनिर्माताओं में से 76 फीसदी मगर इस श्रेणी को सर्वाधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस खंड में न केवल विनिर्माताओं की सर्वाधिक संख्या है बल्कि 100 वाहनों से कम बिक्री करने वालों की भी संख्या काफी है। 236 कंपनियों ने बताया कि उन्होंने 100 से कम गाडिय़ां बेची हैं।
चूंकि इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों के खरीदार मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं और वे ब्रांड के मुकाबले कीमत को प्राथमिकता देते हैं इसलिए शीर्ष दस कंपनियों की बिक्री कम रही है। कुल 3,88,043 इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों की बिक्री में इन शीर्ष 10 कंपनियों की सिर्फ 38 फीसदी हिस्सेदारी रही।
हालांकि, जैसे-जैसे पेट्रोल-डीजल वाले तीन पहिया वाहन निर्माता अपने ईवी कारोबार को बढ़ा रहे हैं नई कंपनियों के लिए जगह कम होने का खतरा है।
पेट्रोल-डीजल वाहन की पारंपिक कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और पियाजियो पहले से ही शीर्ष 10 विनिर्मताओं में शामिल हैं और इनके पास सामूहिक रूप से 11 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। एमऐंडएम पहले ही इस खंड में बादशाह है।
सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो के प्रबंध निदेशक नितिन कपूर ने कहा, 'ईवी स्टार्टअप कंपनियों की की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए गुणवत्ता, नवोन्मेष और लागत प्रतिस्पर्धा बनाए रखना प्रमुख कारक होंगे। सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो भारत की तीसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन विक्रेता है।