झारखंड: बारिश से तबाही, विमान सेवा प्रभावित, बिजली गुल, कई जगह पेड़ गिरे
रांची
झारखंड में लगातार दो दिनों से जारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। इस बारिश और तेज हवा के कारण विमान सेवाएं रद कर दी गई हैं। ट्रेन और बस यातायात पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। कई जगह पेड़ गिर गए हैं। नदी और नालों में ऊफान आ गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि शनिवार तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। अति बारिश से कई जिलों में तबाही का मंजर देखने को मिलेगा। लोगों से सकर्त करने को कहा गया है। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर लोन के कारण यह बारिश हो रही है।
रांची में कई जगह पेड़ गिरने से आवागमन ठप
राजधानी रांची की बात करें तो यहां शहर के निचले हिस्सों में जलजमाव हो गया है। पंचशील नगर, रातू रोड, लोअर चुटिया, कोकर, हरमू, हिंदपीढ़ी, तिरिल, बूटी बस्ती, पिस्का मोड़, पंडरा, कांटाटोली में सड़क पर पानी लबालब भर चुका है। नालों का पानी सड़क पर बह रहा है। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर जोन बनने का असर झारखंड के सभी जिलों में दिख रहा है। मौसम विभाग ने गुरुवार को ही पूर्वानुमान में लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी थी। तेज वर्षा और हवा के कारण रांची यूनिवर्सिटी गेट के सामने पेड़ गिर गया है। आवागमन बाधित है। रांची के बरियातू रोड स्थित गर्ल्स हाई स्कूल के पास बीच सड़क पर बड़ा पेड़ गिर गया है। इस वजह से सड़क पर आवाजाही बंद हो गई है। रांची के मोरहाबादी मैदान में भी कई पेड़ तेज हवा के चलते गिर गए हैं।
सुबह से ही बिजली गुल होने से लोग परेशान
राजधानी रांची के कई इलाकों में सुबह से ही बिजली गुल है। घरों में लोग न तो टीवी देख पा रहे हैं और ना ही मोबाइल चार्ज कर पा रहे हैं। उनका जीवन पूरी तरह से ठहर सा गया है। आंधी पानी की वजह से बिजली विभाग ने बिजली काट रखी है। रांची एयरपोर्ट के पास खेत में ट्रांसफार्मर गिर जाने से 11000 का करंट दौड़ रहा है। लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों बिजली विभाग को फोन कर सूचना दी है। बिजली विभाग मौसम ठीक होने की प्रतीक्षा कर रहा है।
सितंबर में यह बारिश होती तो और अच्छा रहता
मौसम विज्ञान केंद्र रांची की मानें तो अगस्त में अब तक 128.20 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य 284 मिमी से काफी कम है। वहीं, रांची में अब तक 23 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने कहा कि बंगाल की खाड़ी समेत बांग्लादेश और म्यांमार में लो प्रेशर जोन तैयार हुआ है। जिसका असर दो दिनों से देखने को मिल रहा है। शुक्रवार से ही अच्छी बारिश हो रही है। धान की खेती के लिए यह बारिश फायदेमंद है। लेकिन सितंबर में यह बारिश होती तो और फायदा होता। राज्य में 01 जून से अबतक के वर्षा के आंकड़े बताते हैं कि सामान्य वर्षा 678.3 मिमी की जगह राज्य में अब तक 432.9 मिमी बारिश ही हुई है जो सामान्य से 36 प्रतिशत कम है। यानी जून और जुलाई की तरह अगस्त में भी वर्षा ने किसानों को निराश ही किया है।
झारखंड के 22 जिलों में सामान्य से कम वर्षा
राज्य के 22 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। पूर्वी सिंहभूम में सामान्य से 2 प्रतिशत कम और पश्चिमी सिंहभूम में सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। अन्य 22 जिलों में 20 प्रतिशत या उससे अधिक कम वर्षा हुई है। 09 ऐसे जिले हैं जहां 50 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है। इन जिलों में स्थिति बेहद खराब है। पाकुड़ में सामान्य से 72 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। साहिबगंज में 67 प्रतिशत कम, जामताड़ा में 66 प्रतिशत कम, गोड्डा में 68 प्रतिशत कम, गढ़वा में 56 प्रतिशत कम, चतरा में 60 प्रतिशत कम, देवघर में 55 प्रतिशत कम, दुमका में 50 प्रतिशत कम और पलामू में सामान्य से 52 प्रतिशत कम बारिश रिकार्ड की गई है। वहीं सरायकेला खरसावां में सामान्य से 22 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। बोकारो में 30 प्रतिशत कम, गुमला में 36 प्रतिशत कम, खूंटी में 23 प्रतिशत कम, रामगढ़ में 31 प्रतिशत कम, रांची में 23 प्रतिशत कम, गिरिडीह में 43 प्रतिशत कम, हजारीबाग में 43 प्रतिशत कम, कोडरमा में 46 प्रतिशत कम, लातेहार में 45 प्रतिशत कम, लोहरदगा में 45 प्रतिशत कम, धनबाद में 41 प्रतिशत कम बारिश रिकार्ड की गई है।
दक्षिणी, मध्य व उत्तरी हिस्सों में वर्षा के पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र रांची से प्राप्त आंकड़ों की माने तो राज्य के दक्षिणी यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां, मध्य यानी रांची, रामगढ़, गुमला, हजारीबाग, खूंटी व बोकारो के साथ साथ उत्तरी हिस्से यानी देवघर, दुमका, जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़ व साहेबगंज के कुछ हिस्सों में तेज वर्षा की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।