मुख्यमंत्री आवास योजना को भाजपा ने सियासी ड्रामा बताया
रायपुर
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. सरोज पाण्डेय ने भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम पर छत्तीसगढ़ में एक नई सियासी ड्रामेबाजी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 16 लाख से ज्यादा लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आवास नहीं दिया और प्रदेश की गरीब जनता के साथ विश्वासघात किया। इस योजना के नाम पर आज राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की जनता को झूठ बाँटने आए हैं, क्योंकि सच तो वह है, जो आज के उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन पंचायत मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए पत्र लिखकर मुख्यमंत्री बघेल को दोषी ठहराया था।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. (सुश्री) पाण्डेय ने सिंहदेव के उस पत्र का हवाला दिया, जिसमें सिंहदेव ने 16 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री बघेल को लिखा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के आवासविहीन लोगों को आवास बनाकर दिया जाना था। जिसके लिए मैंने कई बार आपसे चर्चा कर राशि आवंटन का अनुरोध किया था। किंतु इस योजना में राशि उपलब्ध नहीं की जा सकी। फलस्वरूप प्रदेश के लगभग 8 लाख लोगों के लिए आवास नहीं बनाए जा सके। इसके अतिरिक्त 8 लाख घर बनाने में करीब 10 हजार करोड़ रुपए प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सहायक होते। हमारे जन घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के 36 लक्ष्य अंतर्गत ग्रामीण आवास का अधिकार प्रमुख रूप से उल्लेखित है।
विचारणीय है कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बेघर लोगों के लिए एक भी आवास नहीं बनाया जा सका और योजना की प्रगति निरंक रही। मुझे दुख है, इस योजना का लाभ प्रदेश के आवासविहीन लोगों को नहीं मिल सका। अत: में अपने पद से त्यागपत्र देता हूं। डॉ. (सुश्री) पाण्डेय ने कहा कि यह भाजपा का नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार के मंत्री का अपनी ही सरकार पर स्पष्ट आरोप है। क्या यह पत्र राहुल गांधी ने पढ़ा है? और, अगर नहीं पढ़ा है तो पहले उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगते हुए अपने मंत्री के प्रश्न का उत्तर देना चाहिए।
जिन 16 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिया जाना था, उन्हें आवास सिर्फ इसलिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नहीं दिया, क्योंकि मुख्यमंत्री बघेल के मुताबिक इसमें प्रधानमंत्री शब्द लिखा है तो इसका पूरा पैसा केंद्र की सरकार दे। मुख्यमंत्री की इस ओछी राजनीतिक सोच के चलते प्रदेश के कांकेर में प्रधानमंत्री आवास की प्रतीक्षा सूची में शामिल परिवार के पांच सदस्य कच्चा घर गिरने से दबकर मर गए।