क्या है कांग्रेस का प्लान: आरक्षण का असर! महिलाओं को ज्यादा हिस्सेदारी की तैयारी
नई दिल्ली
नारी शक्ति वंदन विधेयक पर संसद की मुहर के साथ ही महिला आरक्षण को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। भाजपा जहां इसे ऐतिहासिक फैसला करार देते हुए श्रेय लेने में जुटी है, वहीं कांग्रेस फौरन महिला आरक्षण लागू करने की वकालत कर रही है। ऐसे में पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महिलाओं को ज्यादा हिस्सेदारी देने की तैयारी कर रही है।
रणनीतिकार मानते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के बाद राजनीतिक दलों पर महिलाओं को अधिक हिस्सेदारी देने का दबाव बढ़ गया है। कांग्रेस महिला आरक्षण को फौरन लागू करने की मांग कर रही है, ऐसे में पार्टी को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को अधिक हिस्सेदारी देनी होगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में कुछ माह बाद चुनाव हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी पांच राज्यों और आगामी लोकसभा चुनाव में पिछले चुनावों के मुकाबले अधिक महिला उम्मीदवारों को टिकट देगी। कांग्रेस महासचिव व छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी शैलजा का कहना है कि पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में हर संसदीय क्षेत्र से कम से कम दो महिला उम्मीदवारों को टिकट देने की तैयारी कर रही है।
छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीट हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 13 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। अगर, पार्टी हर संसदीय क्षेत्र से दो महिलाओं को टिकट देती है, तो राज्य में महिला उम्मीदवारों की संख्या 22 हो जाएगाी। हालांकि, यह संख्या 33 फीसदी से कम है।
कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अधिक महिलाओं को टिकट दिया था और इस बार संख्या और बढ़ेगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 28 महिलाओं को टिकट दिया था। टिकट बंटवारे से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट देने का प्रयास करेगी।
हालांकि, चुनाव में वक्त कम है और ऐसे में ज्यादा सीट पर महिला उम्मीदवारों का चयन करना आसान नहीं है। फिर पर पार्टी इसकी भरपूर कोशिश करेगी।
राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी ज्यादा महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 27 महिलाओं को टिकट दिया था। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि महिलाओं को 33 फीसदी हिस्सेदारी के लिए एक दम इतने टिकट मुमकिन नहीं है, पर वर्ष 2018 के मुकाबले महिला उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए।