इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी, पाकिस्तान ने भी छिपा रखा है खूंखार खालिस्तानी
नई दिल्ली
इंटरपोल यानी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (Interpol ) ने सोमवार को प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।खुफिया सूत्रों के अनुसार, करणवीर सिंह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। पाकिस्तान लंबे समय से भारत विरोधी अभियानों में शामिल रहे उग्रवादियों को शह और शरण देता रहा है। इस खूंखार खालिस्तानी को भी पाकिस्तान ने अपने यहां पनाह दे रखी है। अब इंटरपोल ने खालिस्तानी नेता के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करते हुए अपनी वेबसाइट को अपडेट किया है।
इंटरपोल पोर्टल के अनुसार, 38 वर्षीय करणवीर सिंह मूलत: पंजाब के कपूरथला जिले का वासी है। वह भारत में आपराधिक साजिश, हत्या, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से संबंधित अपराध, आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाने, साजिश और आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के लिए वांछित है। पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में है।
बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के सदस्य देशों के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अधिकार देता है कि वह किसी वांछित के प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी प्रक्रिया होने तक किसी व्यक्ति को खोजने और अस्थायी रूप से हिरासत में रख सके। इससे पहले, इंटरपोल ने गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ के खिलाफ सभी सदस्य देशों को रेड नोटिस जारी किया था, जिसके बारे में माना जाता है कि वह विदेश में रह रहा है। हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि रोहतक पुलिस एक मोस्ट वांटेड आरोपी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने में सफल रही, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह विदेश भाग गया है।
वांछित खालिस्तान समर्थक नेता के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय हाथ के दावे के मद्देनजर नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक विवाद के बीच आया है। भारत कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोपों को खारिज करता रहा है और उसे बेतुका करार दिया है।
कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय संलिप्तता के अपने दावे को साबित करने के लिए अब तक कोई सबूत पेश करने में विफल रहे हैं। न्यूयॉर्क में प्रेस कॉन्फ्रेन्स में ट्रूडो से आरोपों की प्रकृति के बारे में बार-बार पूछा गया, लेकिन वह इस बात पर अड़े रहे कि यह मानने के "विश्वसनीय कारण" हैं कि निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता है।