भाजपा ने फिर जताया कैलाश विजयवर्गीय पर भरोसा, अब तक रहे हैं अजेय
इंदौर.
मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। प्रदेश के दोनों ही विपक्षी दल इसकी तैयारियों में जुटे हैं। इसी बीच भाजपा कांग्रेस के एक कदम आगे बढ़ते हुए उम्मीदवारों की दो सूची जारी भी कर चुकी है। भाजपा की ओर से जारी दूसरी सूची चौंकाने वाली रही है, क्योंकि इसमें भाजपा ने वर्तमान, केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। साथ ही इसमें एक नाम भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का भी है। 2015 के बाद से ही मध्य प्रदेश की सियासत से दूर विजयर्वीय को टिकट देकर पार्टी ने बड़ा दांव खेला है।
बता दे कि विजयवर्गीय ने आखिरी बार साल 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और मंत्री बनाए गए थे। बाद में साल 2015 में उन्हें भाजपा ने राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिया था, ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय को कदम पीछे खींचना पड़े थे।
अब तक नहीं हारे हैं एक भी चुनाव
कैलाश विजयवर्गीय 1990 से अब तक 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और वे एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं, वहीं पार्टी ने एक बार फिर उन पर भराेसा जताते हुए इंदौर के क्षेत्र क्रमांक 1 से टिकट दिया है।
अब तक का चुनावी सफर
कैलाश विजयवर्गीय ने पहला चुनाव साल 1990 में क्षेत्र क्रमांक चार से लड़ा था। तक उनके सामने कांग्रेस के इकबाल खान थे। कैलाश विजयवर्गीय को इस चुनाव में 48 हजार 413 वोट मिले थे, जबकि इकबाल खान को 22 हजार 811 वोट ही मिले। इस तरह विजयवर्गीय ने 25 हजार 602 वोटों से चुनाव जीता था।
1993 में लड़ा दूसरा चुनाव
1993 में कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा क्षेत्र दो से चुनाव लड़ा। उनके सामने कांग्रेस के कृपाशंकर शुक्ला थे। कैलाश विजयवर्गीय ने यह चुनाव 21 हजार 62 वोटों से जीता था। उन्हें 59 हजार 346 वोट मिले थे, जबकि कृपाशंकर शुक्ला को 38 हजार 284 वोट मिले थे।
1998 में तीसरा चुनाव
यह चुनाव भी कैलाश विजयवर्गीय ने क्षेत्र क्रमांक दो से लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की रेखा गांधी को 20 हजार 273 वोटों से हराया। रेखा गांधी को इस चुनाव में 44 हजार 136 वोट मिले। जबकि विजयवर्गीय को 64 हजार 409 वोट मिले।
2003 में चाैथा चुनाव
2003 में हुए चुनाव में भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय पर फिर भरोसा जताया और उन्हें क्षेत्र क्रमांक दो से ही टिकट दिया। विजयवर्गीय को इस चुनाव में 86 हजार 175 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के अजय राठौर को 35 हजार 911 वोटों से हराया था।
2008 के चुनाव में बदली सीट
2008 के चुनाव में भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय की सीट बदल दी और उन्हें कठिन माने जाने वाली महू से टिकट दिया गया। उनके सामने कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार थे। इस चुनाव में विजयवर्गीय को 67 हजार 192 वोट मिले और उन्होने दरबार को 9 हजार 791 वोटों से हराया। जिसके बाद उन्हे भाजपा सरकार में वाणिज्य और उद्याेग मंत्री बनाया गया था।
2013 का चुनाव भी महू से लड़े
कैलाश विजयवर्गीय ने अपना छठा चुनाव भी महू सीट से लड़ा और इस बार भी उन्होंने अंतर सिंह दरबार को हराया। यह चुनाव विजयवर्गीय ने 12 हजार 216 वोटों से जीता था। इस बार भाजपा सरकार में उन्हे नगरीय प्रशासन मंत्रालय दिया गया था।
2023 में फिर मौका
भाजपा ने इस चुनाव में विजयवर्गीय पर फिर भरोसा जताया है और उन्हें क्षेत्र क्रमांक एक से टिकट दिया है। पार्टी को पिछले चुनाव में इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।