जयशंकर की कनाडा को खरी-खरी बोले – भारत नहीं करता ऐसे काम, कुछ देशों के एजेंडा सेट करने के दिन गए
नईदिल्ली
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र से लेकर कई और मंचों पर बिना नाम लिए कनाडा को जमकर सुना दिया। उन्होंने इशारों में भी अमेरिका को भी नसीहत दे दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने साफ कहा कि यूएन के सदस्य देशों को आतंकवाद, चरमपंथ, और हिंसा पर प्रतिक्रिया देने में 'राजनीतिक सहूलियत' को आड़े नहीं आने देने का आह्वान किया। जयशंकर न केवल यूएन में हमलावर रहे बल्कि अन्य मंचों पर भी बिना नाम लिए कनाडा को सुनाया। उन्होंने कहा कि दुनिया एक अभूतपूर्व तनाव से गुजर रही है और किसी भी देश को किसी के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। जयशंकर की 10 बड़ी बातें जानिए।
अलगाववादियों को हम नहीं मरवाते
एस जयशंकर ने विदेश नीति के एक कार्यक्रम में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर साफ-साफ कहा कि अलगाववादियों को मरवाना भारत सरकार की नीति नहीं है। इस बारे में कनाडा को बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा को कहा है कि भारत इस मामले से जुड़ी किसी भी सूचना की जांच करने को तैयार है।
आप गलत आदमी से पूछ रहे हैं
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक पत्रकार ने जयशंकर से निज्जर की हत्या को लेकर फाइव आईज (Five Eyes) और अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI की जानकारी को लेकर सवाल पूछा तो परजयशंकर ने दो टूक कहा कि मैं फाइव आईज का हिस्सा नहीं हूं। यही नहीं, मैं एफबीआई का भी हिस्सा नहीं है। तो आपने एक गलत आदमी से ये सवाल पूछ लिया।
कुछ राष्ट्रों के एजेंडा तय करने के दिन गए
संयुक्त राष्ट्र में जयशंकर ने भारत की बढ़ती ताकत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बात मान लें।
वैक्सीन को लेकर भी दुनिया को दे दिया संदेश
जयशंकर ने कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन भेदभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमें वैक्सीन भेदभाव जैसे अन्याय फिर नहीं होने देना चाहिए।
आतंकवाद पर कनाडा, अमेरिका को सुनाया
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए कि राजनीतिक सहूलियत आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर प्रतिक्रिया तय करे। क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में गैर-हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती है। जयशंकर का ये बयान परोक्ष रूप से अमेरिका की तरफ था। जिसने खालिस्तानी आंतकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा को खुफिया सूचना उपलब्ध कराई थी।
कोई देश अनिश्चितकाल तक एजेंडा नहीं चला सकता
जयशंकर ने कहा कि हम अक्सर नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं। समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति सम्मान की भी बात भी उठाई जाती है। लेकिन इन सभी चर्चाओं के लिए, अब भी कुछ देश हैं, जो एजेंडा तय करते हैं और नियमों को परिभाषित करते हैं। यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता। ऐसा भी नहीं है कि इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।
विश्वमित्र की अवधारणा बनाई
जयशंकर ने कहा कि भारत अनेक साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करता है। हम गुटनिरपेक्ष वाले दौर से आगे बढ़कर विश्वमित्र की अवधारणा बनाई है। हम सामूहिक प्रयोस को आगे बढ़ाते हैं।
भारत की ताकत का दिलाया अहसास
एस जयशंकर ने अपने भाषण में भारत की ताकत का अहसास भी दुनिया को कराया। जब हम बड़ी ताकत बनने की उम्मीद को लेकर आगे बढ़ते हैं तो हमारे उदय का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी लेने और दुनिया में योगदान करने का भाव होता है। दुनिया के सभी देश अपने राष्ट्रहित को आगे बढ़ाते हैं।
दुनिया को बताया भारत का दृष्टिकोण
जयशंकर ने कहा कि 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का भारत का दृष्टिकोण महज कुछ देशों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई राष्ट्रों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है।
ग्लोबल साउथ में भारत बना लीडर
जयशंकर ने कहा कि संरचनात्मक असमानताओं और असमान विकास ने ‘ग्लोबल साउथ’ पर बोझ डाल दिया है। लेकिन कोविड-19 महामारी के प्रभाव और मौजूदा संघर्षों, तनावों और विवादों के नतीजों से तनाव बढ़ गया है। जिसके कारण हाल के वर्षों के सामाजिक-आर्थिक लाभ उलट गए हैं। जयशंकर ने कहा कि जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तेजी से हो रहा है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है, ऐसे में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन ने इस बात को दोहराया कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान है।