November 25, 2024

वन नेशन, वन राशन कार्ड की पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत, किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना नहीं

0

रायपुर

छत्तीसगढ़ में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्व किया जा रहा है। उचित मूल्य राशन दुकानों में प्रत्येक माह की वास्तविक बचत सामग्री के आधार पर अगले माह का राशन आबंटन किया जा रहा है। वर्तमान में 96 प्रतिशत उपभोक्ता प्रतिमाह बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के पश्चात राशन सामग्री का उठाव कर रहे हैं। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी प्रकार की राशन की हेरी-फेरी की संभावना असंभव है। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से राशन वितरण की व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत हो गई है, इससे किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना नहीं रह गई है।

छत्तीसगढ़ में चावल घोटाला (राशन घोटाला) के संबंध में सोशल मीडिया-फेसबुक में वायरल वीडियों को तथ्यहीन व निराधार बताया है। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि माह सितंबर 2022 के बचत स्टॉक का सत्यापन राज्य शासन द्वारा किसी शिकायत के आधार पर नहीं वरन स्वयं निर्णय लेकर कराया गया है, अत: इस कार्यवाही को घोटाला की संज्ञा दिया जाना तर्कसंगत नहीं है। सोशन मीडिया में कथित चावल घोटाला के आरोपों की जांच के संबंध में केन्द्रीय जांच दल द्वारा मई 2023 तथा जुलाई 2023 में राज्य का दौरा किया गया। केन्द्रीय जांच दल द्वारा वर्ष 2022-23 में खाद्य संचालनालय द्वारा उचित मूल्य दुकानों को प्रत्येक माह जारी राशन सामग्री के आबंटन में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है।
भारत सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में 'वन नेशन, वन राशनकार्डझ् योजना को राज्य के विभिन्न जिलों में चरणबद्ध रूप में लागू करने की कार्यवाही फरवरी 2022 से प्रारंभ की गई। जो सितंबर 2022 तक चलती रही। इस योजना के लागू होने के पूर्व फरवरी 2022 के पहले प्रदेश की सभी उचित मूल्य दुकानों को दो माह पूर्व के बचत स्टॉक को घटाकर तथा 3 माह पूर्व के बचत स्टॉक को जोड़कर राशन सामग्री का प्रदाय किया जा रहा था, जो राज्य में वर्ष 2017 से लागू था।

वन नेशन, वन राशनकार्ड योजना को राज्य के विभिन्न जिलों में चरणबद्ध रूप से माह फरवरी 2022 से लागू होने के कारण राज्य में उचित मूल्य दुकानों में प्रत्येक माह राशन  वितरण के पश्चात् प्राप्त डाटा तथा बचत मात्रा का डाटा।मच्क्ै सर्वर हैदराबाद तथा स्टेट सर्वर रायपुर के मध्य विभक्त हो गया, जिसके कारण उचित मूल्य दुकानों के बचत स्टॉक को प्रत्येक माह की समाप्ति के उपरांत तत्काल प्राप्त करने में समस्या उत्पन्न हुई। राज्य में पीडीएस के हितग्राहियों को राशन सामग्री की प्राप्ति में कोई समस्या न हो, इस हेतु माह अगस्त 2022 से दिसंबर 2022 तक प्रत्येक माह दुकानों को जारी मासिक आबंटन की सीमा के अंतर्गत राशन सामग्री के भंडारण की अनुमति दी गई। साथ ही दुकानों में ओवर स्टाकिंग न हो इस हेतु खाद्य अधिकारी मॉड्यूल में दुकानों में उपलब्ध बचत मात्रा को आवंटन मात्रा से घटाकर भंडारण हेतु भी विशेष प्रावधान दिया गया था। राज्य में सितंबर 2022 तक वन नेशन वन राशनकार्ड योजना को समस्त जिलों में लागू किए जाने के उपरांत दुकानों में उपलब्ध बचत राशन सामग्री की मात्रा का भौतिक सत्यापन कराया गया, ताकि किसी भी दुकान में उपलब्ध बचत राशन सामग्री के दुरूपयोग की स्थिति राज्य शासन निर्मित न हो और दुकानों में वास्तविक रूप से बचत स्टॉक के आधार पर भविष्य में राशन सामग्री का प्रदाय सुनिश्चित हो सके।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि माह सितंबर 2022 में उचित मूल्य दुकानों के बचत राशन सामग्री के स्टॉक के भौतिक सत्यापन के उपरांत 27 सितम्बर 2023 की स्थिति में चावल की वसूली योग्य, मात्रा 37.568 टन (मूल्य 133.44 करोड़ रूपए) में से 25,088 टन (मूल्य 89.11 करोड़ रूपए) की वसूली, संबंधित दुकान संचालकों से की जा चुकी है, शेष 12,480 टन चावल की वसूली की कार्यवाही 842 उचित मूल्य दुकान संचालकों के विरुद्ध त्त्ब् जारी कर तथा 26 दुकान संचालकों को नोटिस जारी कर की जा रही है।  इसी प्रकार आज की स्थिति में दुकानों से वसूली योग्य बचत शक्कर के स्टॉक 1910 टन (मूल्य 6.86 करोड़) में से 1220 टन शक्कर (मूल्य 4.38 करोड़) की वसूली की जा चुकी है। शेष 690 टन शक्कर की वसूली हेतु 852 दुकान संचालकों के विरूद्ध त्त्ब् जारी कर तथा 30 दुकान संचालकों के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है।

इस प्रकार चावल एवं शक्कर की वर्तमान में दुकानों से वसूली योग्य मात्रा की कुल राशि 46.80 करोड़ रूपए है, जिसमें राजस्व न्यायालय के जरिए वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। माह सितंबर 2022 के बचत स्टॉक में अनियमितता पाए जाने के कारण 31 उचित मूल्य दुकान संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। 247 दुकानों का आबंटन निरस्त तथा 303 दुकानों का आवंटन निलंबित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *