भाटी की वापसी से बीजेपी में अंदरूनी विरोध थमा, समर्थक मान रहे जीत
जयपुर
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की प्रदेश इकाई में एक बार फिर से वसुंधरा राजे के समर्थकों की वापसी से पूर्व मुख्यमंत्री को मजबूती मिली है। मतलब निकलता है कि राजे अभी भी मुख्यमंत्री की दौड़ में चल रही हैं। राजस्थान भाजपा इकाई में पिछले 6 महीनों से राजे की भूमिका को लेकर सवाल चल रहे हैं।
क्या राजे को भाजपा का चेहरा बनाया जाएगा?
राजे को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है जो आम जनता से लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के अंदर चल रहा है। निरंतर हुई सभाओं में केंद्रीय नेतृत्व ने कई बार स्पष्ट किया है कि आगामी चुनाव में भाजपा का चेहरा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे और पहचान कमल का फूल। फिर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर यह सवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हाल ही में 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में एक बड़ी सभा में भी साफ किया था कि हमारी शान, पहचान कमल का फूल है। फिर भी राजे समर्थक मैडम के लिए किसी बड़ी घोषणा के इंतजार में बेठे हुए हैं। हालांकि सभा के अगले ही दिन वसुंधरा राजे के जयपुर स्थित 13 सिविल लाइंस स्थित बंगले पर भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ जमा हुई थी। राजे के समर्थकों के एकदम से एकत्र होने से भाजपा में हलचल तो बड़ी थी, परंतु किसी भी विवाद या विरोध की खबर नहीं निकली।
अगले ही दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंदीय ग्रहण मंत्री अमित शाह जयपुर पहुंचे और देर रात तक बैठकों का दौर चला। देर रात जब वसुंधरा राजे बैठक कर बाहर आईं तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी, वो पॉजिटिव नजर आ रहीं थीं।
भाटी की वापसी से अंदरूनी विरोध थमा
अमित शाह और नड्डा के जाते ही देर शाम भाजपा के बागी नेता देवी सिंह भाटी की वापसी भाजपा में हुई। भाटी राजे गुट के नेता माने जाते हैं, और अर्जुन मेघवाल के विरोधी कहे जाते हैं। भाटी की वापसी को लेकर भाजपा में अंदरूनी विरोध था, जो एकाएक थम गया और खुद प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने उनका स्वागत किया। राजे समर्थक इसको मैडम की बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं।
भाजपा आलाकमान बिना किसी चेहरे के चुनाव में जाने का मन बना चुका है, जिसको खुद प्रधानमंत्री ने सार्वजानिक मंच से स्वीकार किया है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में राजे अभी भी शामिल हैं कि नहीं, ये देखना अभी बाकी है।