September 23, 2024

वसुंधरा राजे CM गहलोत की मुश्किलें बढ़ाएंगी! बीजेपी ने बनाई खास रणनीति

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जयपुर

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तैयारियों के बीच बड़ा गेम प्लान बना रही है। इसी बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जयपुर दौरे ने पार्टी के नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी। दोनों नेताओं ने स्थानीय नेताओं के साथ लंबी चर्चा की और गुरुवार को दूसरे दिन दिल्ली लौट गए।

वहीं, अब बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक के बाद से ख़बरें हैं कि राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को हराने के लिए खास रणनीति बनाई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी कांग्रेस को हराने के लिए अपने दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को चुनाव में घेरने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। नेटवर्क18 की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि बीजेपी सीएम गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को उतारने जैसे प्लान पर काम चल रहा है। इस रणनीति के तहत गजेंद्र शेखावत या वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सरदारपुरा से उतारा जा सकता है।

साथ ही राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के खिलाफ, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को कांग्रेस नेता व पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के खिलाफ बायतू से मैदान में पार्टी उतारने की योजना बना रही है।

गौरतलब है कि राजस्थान की सबसे हॉट और वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली सरदारपुरा विधानसभा सीट कांग्रेस की अभेध सीट मानी जाती है। इस सीट से अशोक गहलोत पिछले 25 साल से विधानसभा में पहुंच रहे हैं। इस सीट पर सीएम अशोक गहलोत का जादू मतदाताओं के सिर पर चढ़कर बोलता है। खास बात यह है कि यह सीट सीएम गहलोत की लकी मानी जाती है। इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दल पिछले 25 साल से हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हर बार इस सीट के मतदाता सीएम अशोक गहलोत को जीत का तोहफा देते हैं।

राजस्थान के 2023 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से सरदारपुरा सीट से एक लाइन का प्रस्ताव सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में पारित हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी की ओर से शंभू सिंह खेतासर दो बार चुनाव हार चुके हैं। साल 2018 के चुनाव में हार-जीत में 45 हजार से ज्यादा वोटों का अंतर रहा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 'बैठक में विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मेवाड़, शेखावाटी, हाड़ौती, मारवाड़ इलाके और पूर्वी राजस्थान में अधिक से अधिक सीटें कैसे जीती जाएं।' सूत्रों के अनुसार, ''इस बात का बारीकी से आकलन किया गया कि किन निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कमजोर है और जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या रणनीति की जरूरत है। उन सीटों की श्रेणियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई – जहां पार्टी पिछले तीन चुनावों से लगातार जीत रही है या हार रही है और जहां पार्टी वैकल्पिक रूप से जीत रही है।''

गौरतलब है कि राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों से निकाली गई पार्टी की 'परिवर्तन यात्राओं' के पूरा होने के अवसर पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर के पास जनसभा को संबोधित किया था। उसके ठीक बाद शाह और नड्डा राजस्थान पहुंचे।

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