स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बाल कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए “राज्य सहायता समन्वय केंद्र” एवं “घर से दूर घर” शुरू किया
भोपाल
लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणमंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी नेभोपाल में राज्य सहायता समन्वय केंद्र (SCCC) एवं घर से दूर घर (HAH) का उद्घाटन किया। यह केन्द्र स्वास्थ्य विभाग के साथ कैनकिड्स की साझेदारी से स्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि राज्य सहायता समन्वय केंद्र एवं घर से दूर घर को “सुखानंद” के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ मिलकर काम करते हुए, सुखानंद जैसे केंद्र की स्थापना की गई है। सुखानंद केंद्र में राज्य के कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए उपचार, देखभाल और सहायता की व्यवस्था की गई है। सुखानंद में कैंसर से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा परामर्श दिया जाएगा। "सुखानंद" घर से दूर एक घर है, जो भोपाल के बाहर के परिवारों के लिए समग्र आवास और देखभाल प्रदान करता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रदेश के 15 विभिन्न जिलों के कैंसर पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों से मिलकर कहा कि "यह महत्वपूर्ण है कि कैंसर से पीड़ित बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हों। सर्वोत्तम देखभाल एवं चिकित्सा सुविधा प्राप्त करें। हम कैनकिड्स के साथ साझेदारी करके खुश हैं। कैनकिड्स परिवारों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में देखभाल में उनका मार्गदर्शन करता हैं, और उन्हें समय-समय पर वित्तीय, चिकित्सा, सामाजिक, शिक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2022 में, लोक स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए अपने ज्ञान और समर्थन भागीदार के रूप में कैनकिड्स के साथ एक एमओयू साईन किया था।
स्वास्थ्य आयुक्त, डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि हम कैंसर और अन्य असंचारी रोगों के विरूद्ध बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। कैंसर का पता लगाने और निदान करने में देरी नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक सुविधाओं और आयुष्मान भारत के पैनल में शामिल अस्पतालों में सुविधाओं और प्रणालियों को मजबूत करने की पहल की गई है।
"सुखानंद" परिवारों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। अनेक सुविधाओं से युक्त "सुखानंद" केंद्र परिवारों को समायोजित कर रहने और रुकने की सुविधा प्रदान करता है। यह केंद्र, रोगी को कहाँ जाना है यह बतलाता है। साथ ही देखभाल समन्वय, सूचना और माता-पिता रोगी शिक्षा, चिकित्सा सहायता, स्कूल कमरा, मनोवैज्ञानिक और पोषण परामर्श, पोषण सहायता, प्रशिक्षण और बहुत कुछ सेवाएं प्रदान करता है। आमने-सामने और ऑनलाइन माध्यम से कैननरिश, कैननर्चर और कैनशाला जैसी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। जो परिवार अपने बच्चों के इलाज के लिए शहर में रहने और रुकने की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए सुखानंद केंद्र के स्थापित होने से सुविधा मिलेगी। कैंसर मरीजों पर भी सुविधा का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कैनकिड्स किड्सकैन की अध्यक्ष सुपूनम बगई ने कहा कि राज्य देखभाल समन्वय केंद्र प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए बदलाव लाने के लिए, राज्य सरकार और अन्य सभी हितधारकों के साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है। हम सितम्बर महीने को न केवल यह बतलाने के रूप में लेते हैं कि हमने बच्चों के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में क्या हासिल किया है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंसर रोगियों के के उपचार के लिये किये गये प्रयासों से मिले परिणामों को और बेहतर करने के नए तरीकों की पहचान करने एवं बच्चों के कैंसर रोगियों के लिए परिणामों में सुधार कर सकते हैं। साथ ही न केवल कैंसर से बच सकते हैं बल्कि बचे हुए लोगों में कैंसर न हो उसमे मदद कर सकते है।डब्ल्यूएचओ जीआईसीसी के लक्ष्य 60% सर्वावाइवल को प्राप्त करने के अपने मिशन में कैनकिड्स निदान, दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति, कृत्रिम अंग, प्रत्यारोपण, रक्त और रक्त उत्पादों आदि के माध्यम से चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।