September 22, 2024

एक महीने की बच्ची को मां के सामने गर्म सलाखों से दागा

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भीलवाड़ा.

राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में एक बार फिर अंधविश्वास का मामला सामने आया है। यहां एक महीने की मासूम बच्ची को निमोनिया के इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा गया। मासूम बच्ची को उसकी मां ही इलाज के लिए एक झाड़-फूंक करने वाले भोपे के पास ले गई थी। इलाज के नाम पर भोपे ने बच्ची को गर्म सलाखों से दागा।

इस दौरान बच्ची की चीखें निकलती रहीं और मां बैठी हुई ये सब देखती रही। बाद में बच्ची की हालत बिगड़ने पर भीलवाड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्ची की मां सोनिया ने कहा कि 'जन्म के बाद से ही मेरी बेटी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसे निमोनिया की भी शिकायत थी। इस पर भोपे से गर्म सलाखों से दगवा दिया। इससे उसकी तबीयत खराब होने लगी। इलाज के लिए हम स्थानीय अस्पताल ले गए तो अस्पताल से भीलवाड़ा रेफर कर दिया गया। यहां बेटी को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।'

 

जिंदगी और मौत से जूझ रही है बच्ची
मामला फुलिया कला थाना क्षेत्र के पनोतिया गांव का है। यहां के निवासी रामदास बागरीया की बेटी को जुकाम और निमोनिया हो गया था। उसकी पत्नी बच्ची को अस्पताल ले जाने की जगह गांव के भोपे के पास ले गई, जिसने उसे गर्म सलाखों से दाग दिया। महिला का पति रामदास बाहर मजदूरी करता है। दागने से बच्ची की हालत बिगड़ गई। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची पिछले 24 घंटे से जिला अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।

 

हर साल सर्दियों की शुरुआत में दागने के मामले आते हैं सामने
भीलवाड़ा जिले में अंधविश्वास के चलते निमोनिया के इलाज के नाम पर छोटे बच्चों को गर्म सलाख़ों से दागने का यह पहला मामला नहीं है। हर साल सर्दी की शुरुआत में ही यह दागने का सिलसिला शुरू हो जाता है। प्रतिवर्ष 20 से अधिक बच्चे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं। इस तरह की घटनाओं से जिले में अब तक तीन मौते भी हो चुकी है। एक में पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था।

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