गिरफ्तार ISIS आतंकियों का झारखंड कनेक्शन, शाहनवाज था मोस्ट वांटेड
रांची.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएस से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक शाहनवाज आलम उर्फ अब्दुल्ला उर्फ प्रिंस हजारीबाग का रहने वाला है जबकि अरशद वारसी गढ़वा का निवासी है। एक अन्य रिजवान अशरफ लखनऊ का है। तीनों पेशे से इंजीनियर हैं। शाहनवाज एनआईए का मोस्ट वांटेड है और उसपर तीन लाख रुपए का इनाम घोषित है। उसका पासपोर्ट 2016 में रांची से बना था। पुलिस के मुताबिक शाहनवाज के ठिकाने से पिस्तौल, आईईडी बनाने का सामान, केमिकल के अलावा बम बनाने और जेहादी बनाने से जुड़ी पाकिस्तान से आई प्रिंटेड सामग्री भी मिली है। इनको पाकिस्तानी आका से निर्देश मिल रहे थे और उसी के अनुसार अगला कदम उठा रहे थे। हनवाज और उसके साथियों की कई धमाकों में भूमिका रही है। पुलिस ने शाहनवाज को दिल्ली के जैतपुर , रिजवान को लखनऊ और अरशद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को सोमवार सुबह न्यायाधीश के आवास पर पेश किया गया। जहां से अदालत ने तीनों को सात दिन की रिमांड पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सुपुर्द कर दिया।
निशाने पर था राम मंदिर
शाहनवाज पुणे के आईएस मॉड्यूल का फरार सदस्य है। इनके निशाने पर उत्तर भारत से लेकर पश्चिम और दक्षिण भारत के दर्जनभर इलाके थे। ये दिल्ली में आतंकी हमलों की योजना बनाने के अंतिम चरण में थे। इस उद्देश्य के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदे थे और दिल्ली में ठिकाना बनाया था। इनके निशाने पर देश के कुछ बड़े नेता और अयोध्या का राम मंदिर भी था। बताया जा रहा है कि ये 26/11 से भी अधिक नुकसान पहुंचाना चाहते थे।मुख्य आरोपी शाहनवाज साथियों के साथ दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत की 18 जगहों पर रेकी कर चुका था। उसे सीमापार से निर्देश था कि बड़े पैमाने पर ब्लास्ट कर तबाही मचानी है। आईएस के इस पुणे मॉड्यूल में नौजवानों को भर्ती करने से लेकर उन्हें विस्फोटक तैयार करने और उसे ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। जांच से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आतंकी मॉड्यूल ने न सिर्फ केमिकल के जरिये बम बनाए, बल्कि पुणे के जंगलों में इसे ब्लास्ट कर ट्रायल भी किया था। इनके निशाने पर देश के कई भीड़भाड़ और वीआईपी इलाके थे। शाहनवाज के ठिकाने से भारी मात्रा में लिक्विड केमिकल बरामद किया गया है, जिसका इस्तेमाल आईईडी बनाने में करने वाले थे। सेल के अधिकारियों के मुताबिक इन्हें आईईडी बनाने में महारथ हासिल है। ये बड़ी आसानी से बम बना लेते हैं।
नए लोगों से हो रही पूछताछ
आतंकी मॉड़्यूल में भर्ती किए गए कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इनकी भूमिका भी शक के दायरे में है। पुलिस को यह सूचना मिली है कि इन्हें भी ब्लास्ट के लिए कुछ टास्क दिए गए थे। पुणे पुलिस और एनआईए की टीमों ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है। इस दौरान कुछ जगहों से एनआईए की टीमों ने हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। स्पेशल सीपी ने खुलासा किया कि इन आरोपियों ने देश के विभिन्न इलाकों में कई जगहों पर ट्रेनिंग कैंप बना रखे थे। ये इन कैंप में ये जहां भर्ती किए गए लोगों को प्रशिक्षण देते थे, वहीं आईईडी ब्लास्ट का ट्रायल भी करते थे। इसके बाद सीमापार में बैठे अपने आकाओं को इसकी रिपोर्ट देते थे। इन्हें पूरा सामान स्थानीय जगह से लेने के निर्देश दिए गए थे।
जामिया मिलिया विवि से पीएचडी कर रहा है अरशद
जिन तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक गढ़वा जिला मुख्यालय के रांकी मोहल्ले का रहने वाला मो. अरशद वारसी भी है। 29 वर्षीय वारसी दिल्ली में रहकर जामिया मिलिया विवि से पीएचडी कर रहा है। पिता गढ़वा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। इधर, गढ़वा एसपी ने बताया कि गढ़वा के किसी युवक की दिल्ली में गिरफ्तारी की खबर उन्हें नहीं है। पिता ने बताया कि बेटे की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें फोन कर जानकारी दी थी। पिता ने बताया कि अरशद पांचवी की पढ़ाई पूरी करने के बाद अलीगढ़ चला गया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही उसने बीटेक किया। उसके बाद उसने एमबीए किया। एमबीए के बाद वह जामिया मिलिया से पीएचडी कर रहा है। वह होम ट्यूशन भी देता है।